परखम: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('*परखम ग्राम उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले से 14 मील दूर...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
*परखम ग्राम [[उत्तर प्रदेश]] के मथुरा ज़िले से 14 मील दूर [[आगरा]]-[[दिल्ली]] मार्ग पर स्थित है।  
*परखम ग्राम [[उत्तर प्रदेश]] के मथुरा ज़िले से 14 मील दूर [[आगरा]]-[[दिल्ली]] मार्ग पर स्थित है।  
*परखम ग्राम से एक यक्ष की विशालकाय मूर्ति प्राप्त हुई थी, जो अब [[मथुरा संग्रहालय]] में है।  
*परखम ग्राम से एक [[यक्ष]] की विशालकाय मूर्ति प्राप्त हुई थी, जो अब [[मथुरा संग्रहालय]] में है।  
*मूर्ति में यक्ष को सुन्दर ढंग से [[धोती]], दुपट्टा तथा कुछ सादे गहने, जैसे- कर्णफूल, गुलूबंद, ग्रैवेयक आदि पहनाए गए हैं।  
*मूर्ति में यक्ष को सुन्दर ढंग से [[धोती]], दुपट्टा तथा कुछ सादे गहने, जैसे- कर्णफूल, गुलूबंद, ग्रैवेयक आदि पहनाए गए हैं।  
*मूर्ति की चरण-चौकी पर मौर्यकालीन ब्राह्मी लिपि में तीन पंक्तियों का एक लेख खुदा है।  
*मूर्ति की चरण-चौकी पर मौर्यकालीन ब्राह्मी लिपि में तीन पंक्तियों का एक लेख खुदा है।  

Revision as of 06:52, 16 April 2011

  • परखम ग्राम उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले से 14 मील दूर आगरा-दिल्ली मार्ग पर स्थित है।
  • परखम ग्राम से एक यक्ष की विशालकाय मूर्ति प्राप्त हुई थी, जो अब मथुरा संग्रहालय में है।
  • मूर्ति में यक्ष को सुन्दर ढंग से धोती, दुपट्टा तथा कुछ सादे गहने, जैसे- कर्णफूल, गुलूबंद, ग्रैवेयक आदि पहनाए गए हैं।
  • मूर्ति की चरण-चौकी पर मौर्यकालीन ब्राह्मी लिपि में तीन पंक्तियों का एक लेख खुदा है।
  • जिससे ज्ञात होता है कि कुणिक के शिष्य गोमित्र ने इस मूर्ति को बनाया था।
  • परखम से प्राप्त यह मूर्ति मथुरा की प्राचीनतम मूर्ति है।
  • यह मौर्यकालीन है किंतु फिर भी इस पर प्रमार्जन नहीं है जो तत्कालीन स्थापत्य की विशेषता थी।
  • इस मूर्ति के आधार पर मथुरा मूर्ति-कला की परम्परा में शुंगकाल में यक्षों की तथा कुषाण काल में बोधिसत्वों की मूर्तियों का निर्माण हुआ था।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ