ऊर्ध्वपातन: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Sublimation) [[रसायन विज्ञान]] में ऊर्ध्वपातन विधि द्वारा दो ऐसे | ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Sublimation) कुछ [[पदार्थ]] गर्म करने पर सीधे [[ठोस]] रूप से [[गैस]] बन जाते हैं, इसे ऊर्ध्वपातन कहते हैं। जैसे- [[आयोडिन]], कपूर आदि। सामान्यतः ठोस पदार्थों को गर्म करने पर वे द्रव अवस्था में परिवर्तित होता हैं और उसके पश्चात् गैसीय अवस्था में, लेकिन कुछ ठोस पदार्थ ऐसे होते हैं; जिन्हें गर्म किये जाने पर वे द्रव अवस्था में आने के बदले सीधे वाष्ण में परिणत हो जाते हैं और वाष्ण को ठंडा किये जाने पर पुनः ठोस अवस्था में हो जाते हैं। | ||
:गर्म करने पर | |||
ठोस पदार्थ ←→ वाष्ण | |||
:ठंडा करने पर | |||
ऐसे पदार्थों को ऊर्ध्वपातन कहा जाता है व इस प्रकार की क्रिया ऊर्ध्वपातन कहलाती है। [[रसायन विज्ञान]] में ऊर्ध्वपातन विधि द्वारा दो ऐसे ठोसों के [[मिश्रण]] को अलग करते हैं, जिसमें एक ठोस ऊर्ध्वपातित हो, दूसरा नहीं। ऐसे ठोसों के मिश्रण को गर्म करने पर ऊर्ध्वपातन ठोस सिधे वाष्ण अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। इस वाष्ण को अलग ठंडा कर लिया जाता है। इस प्रकार दोनों ठोस पृथक् हो जाते हैं। इस विधि के द्वारा कपूर, नेफ्थलीन, अमोनियम कलोराइड, एंथ्रासीन, बेंजोइक अम्ल आदि पदार्थ शुद्ध किये जाते हैं। | |||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} |
Revision as of 06:13, 24 October 2011
(अंग्रेज़ी:Sublimation) कुछ पदार्थ गर्म करने पर सीधे ठोस रूप से गैस बन जाते हैं, इसे ऊर्ध्वपातन कहते हैं। जैसे- आयोडिन, कपूर आदि। सामान्यतः ठोस पदार्थों को गर्म करने पर वे द्रव अवस्था में परिवर्तित होता हैं और उसके पश्चात् गैसीय अवस्था में, लेकिन कुछ ठोस पदार्थ ऐसे होते हैं; जिन्हें गर्म किये जाने पर वे द्रव अवस्था में आने के बदले सीधे वाष्ण में परिणत हो जाते हैं और वाष्ण को ठंडा किये जाने पर पुनः ठोस अवस्था में हो जाते हैं।
- गर्म करने पर
ठोस पदार्थ ←→ वाष्ण
- ठंडा करने पर
ऐसे पदार्थों को ऊर्ध्वपातन कहा जाता है व इस प्रकार की क्रिया ऊर्ध्वपातन कहलाती है। रसायन विज्ञान में ऊर्ध्वपातन विधि द्वारा दो ऐसे ठोसों के मिश्रण को अलग करते हैं, जिसमें एक ठोस ऊर्ध्वपातित हो, दूसरा नहीं। ऐसे ठोसों के मिश्रण को गर्म करने पर ऊर्ध्वपातन ठोस सिधे वाष्ण अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। इस वाष्ण को अलग ठंडा कर लिया जाता है। इस प्रकार दोनों ठोस पृथक् हो जाते हैं। इस विधि के द्वारा कपूर, नेफ्थलीन, अमोनियम कलोराइड, एंथ्रासीन, बेंजोइक अम्ल आदि पदार्थ शुद्ध किये जाते हैं।
|
|
|
|
|