अति जीवन -अजेय: Difference between revisions
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मत सोचना भूल कर भी | मत सोचना भूल कर भी | ||
कि उसका दूसरा सिरा | कि उसका दूसरा सिरा | ||
जो पहुँच | जो पहुँच नहीं सकता तुम तक | ||
तुम पर लानतें भेजता होगा। | तुम पर लानतें भेजता होगा। | ||
परवाह ही नहीं करनी है | परवाह ही नहीं करनी है | ||
उन लानतों और प्रहारों की | उन लानतों और प्रहारों की | ||
जो तुम तक | जो तुम तक नहीं पहुँच सकती। | ||
तुम अपने पैने पंजों में जकड़ लेना उसका धक-धक हृदय | तुम अपने पैने पंजों में जकड़ लेना उसका धक-धक हृदय |
Revision as of 13:23, 21 January 2012
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अति जीवन |