ख़्वाजा नज़ीमुद्दीन: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
|||
Line 13: | Line 13: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
[[Category:]] | [[Category:कार्यपालिका]][[Category:मन्त्रिमण्डल]][[Category:चरित कोश]][[Category:राजनीति कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Revision as of 05:45, 25 January 2012
ख़्वाजा नजीमुद्दीन बंगाल के मुस्लिम नेताओं में से एक थे। इनका जन्म 19 जुलाई, 1894 ई. को ढाका में एक सम्पन्न ज़मींदार परिवार में हुआ था। इन्होंने स्वतंत्रता के समय 'मुस्लिम लीग' की सदस्यता प्राप्त की थी। जिस समय फ़जलुल हक की सरकार गिर गई, उस समय ख़्वाजा नजीमुद्दीन बंगाल के मुख्यमंत्री बनाये गए थे। ख़्वाजा नजीमुद्दीन ने 1951 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पद सुशोभित किया था।
मुस्लिम लीग के सदस्य
स्वतंत्रता से पूर्व बंगाल के मुस्लिम नेता और पाकिस्तान की स्थापना में मुहम्मद अली जिन्ना के दाहिने हाथ ख़्वाजा नजीमुद्दीन का जन्म जुलाई, 1894 ई. को ढाका में एक संपन्न जमींदार परिवार में हुआ। उन्होंने अलीगढ़ और इंग्लैंड में शिक्षा प्राप्त की थी। 'मुस्लिम लीग' में सम्मिलि होकर नजीमुद्दीन ने अपना सार्वजनिक जीवन आरंभ किया। जब 1935 के शासन सुधारों के अंतर्गत प्रदेशों में चुनाव हुए, तो बंगाल में मुस्लिम लीग के स्थान पर फ़जलुल हक़ की ‘कृषक प्रजा पार्टी’ ने अधकि स्थान प्राप्त किए। फ़जलुल हक़ कांग्रेस के साथ संयुक्त सरकार बनाना चाहते थे। जब कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं हुई, तो उन्होंने मुस्लिम लीग से हाथ मिलाकर ख़्वाजा नजीमुद्दीन को बंगाल का गृहमंत्री बना दिया।
मंत्री पद की प्राप्ति
इसके बाद मुस्लिम लीग को अपना प्रभाव बढ़ाने का अवसर मिला। फ़जलुल हक़ ने जब लीग के कट्टर सांप्रदायिक विचारों को मानना स्वीकार नहीं किया, तो लीग ने अपने मंत्री हटा लिए। कुछ समय बाद फ़जलुल हक़ की सरकार गिर गई और ख़्वाजा नजीमुद्दीन बंगाल के मुख्यमंत्री बन गए। 1946 में लीग को वहाँ पूर्ण बहुमत मिला और विभाजन के बाद भी नजीमुद्दीन ही पूर्वी बंगाल के पहले मुख्यमंत्री बने। मुहम्मद अली जिन्ना की मृत्यु के बाद उन्हें 1948 में पाकिस्तान का गवर्नर-जनरल बनाया गया। 1951 में वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनाये गये।
मृत्यु
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनाये जाने के बाद 1953 में गवर्नर-जनरल गुलाम महमूद ने ख़्वाजा नजीमुद्दीन को पद से हटा दिया। इसके बाद वे अपने पेतृक घर पूर्वी बंगाल वापस चले गए, जहाँ 1964 में उनकी मृत्यु हो गई।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 209 |
संबंधित लेख