मृणाल पाण्डे: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
अंशुल सुधाकर (talk | contribs) (''''मृणाल पाण्डे''' (अंग्रेज़ी: ''Mrinal Pandey'') हिंदी लेखक, पत्र...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
अंशुल सुधाकर (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
[[चित्र:Mrinal pandey.jpg|thumb|मृणाल पाण्डे]] | |||
'''मृणाल पाण्डे''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Mrinal Pandey'') हिंदी लेखक, पत्रकार एवं भारतीय टेलीविजन की जानी-मानी हस्ती हैं। टीकमगढ़, [[मध्य प्रदेश]] में 1946 में जन्मी मृणाल पाण्डे को साहित्यानुराग विरासत में मिला। मां [[शिवानी]] जानी-मानी उपन्यासकार एवं लेखिका थीं। पहली कहानी प्रतिष्ठित [[हिंदी]] साप्ताहिक '[[धर्मयुग]]' में उस समय छपी, जब वह युवावस्था की दहलीज पर थीं। मृणाल ने अपनी कहानियों में शहरी जीवन और सामाजिक परिवेश में महिलाओं की स्थिति को केंद्रीय विषय बनाया है। उनकी कहानियां तेजी से बदलता सामाजिक परिवेश, रिश्तों की उधेड़-बुन भी उनकी कहानियों मे प्रमुखता से नजर आती है। | '''मृणाल पाण्डे''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Mrinal Pandey'') हिंदी लेखक, पत्रकार एवं भारतीय टेलीविजन की जानी-मानी हस्ती हैं। टीकमगढ़, [[मध्य प्रदेश]] में 1946 में जन्मी मृणाल पाण्डे को साहित्यानुराग विरासत में मिला। मां [[शिवानी]] जानी-मानी उपन्यासकार एवं लेखिका थीं। पहली कहानी प्रतिष्ठित [[हिंदी]] साप्ताहिक '[[धर्मयुग]]' में उस समय छपी, जब वह युवावस्था की दहलीज पर थीं। मृणाल ने अपनी कहानियों में शहरी जीवन और सामाजिक परिवेश में महिलाओं की स्थिति को केंद्रीय विषय बनाया है। उनकी कहानियां तेजी से बदलता सामाजिक परिवेश, रिश्तों की उधेड़-बुन भी उनकी कहानियों मे प्रमुखता से नजर आती है। | ||
==प्रमुख कृतियाँ== | ==प्रमुख कृतियाँ== |
Revision as of 11:06, 22 December 2012
thumb|मृणाल पाण्डे मृणाल पाण्डे (अंग्रेज़ी: Mrinal Pandey) हिंदी लेखक, पत्रकार एवं भारतीय टेलीविजन की जानी-मानी हस्ती हैं। टीकमगढ़, मध्य प्रदेश में 1946 में जन्मी मृणाल पाण्डे को साहित्यानुराग विरासत में मिला। मां शिवानी जानी-मानी उपन्यासकार एवं लेखिका थीं। पहली कहानी प्रतिष्ठित हिंदी साप्ताहिक 'धर्मयुग' में उस समय छपी, जब वह युवावस्था की दहलीज पर थीं। मृणाल ने अपनी कहानियों में शहरी जीवन और सामाजिक परिवेश में महिलाओं की स्थिति को केंद्रीय विषय बनाया है। उनकी कहानियां तेजी से बदलता सामाजिक परिवेश, रिश्तों की उधेड़-बुन भी उनकी कहानियों मे प्रमुखता से नजर आती है।
प्रमुख कृतियाँ
- उपन्यास
- 'अपनी गवाही'
- 'हमका दियो परदेस'
- 'रास्तों पर भटकते हुए'
- 'पटरंग'
- 'देवी'
- 'ओ ओबेरी' ।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख