मृणाल पाण्डे: Difference between revisions
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'''मृणाल पाण्डे''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Mrinal Pandey'') हिंदी लेखक, पत्रकार एवं भारतीय टेलीविजन की जानी-मानी हस्ती हैं। टीकमगढ़, [[मध्य प्रदेश]] | |चित्र=Mrinal pandey.jpg | ||
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'''मृणाल पाण्डे''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Mrinal Pandey'', 26 फ़रवरी, 1946) हिंदी लेखक, पत्रकार एवं भारतीय टेलीविजन की जानी-मानी हस्ती हैं। टीकमगढ़, [[मध्य प्रदेश]] में जन्मी मृणाल पाण्डे को साहित्यानुराग विरासत में मिला। मृणाल पाण्डे की मां [[शिवानी]] जानी-मानी उपन्यासकार एवं लेखिका थीं। पहली कहानी प्रतिष्ठित [[हिंदी]] साप्ताहिक '[[धर्मयुग]]' में उस समय छपी, जब वह युवावस्था की दहलीज पर थीं। मृणाल ने अपनी कहानियों में शहरी जीवन और सामाजिक परिवेश में महिलाओं की स्थिति को केंद्रीय विषय बनाया है। उनकी कहानियां तेजी से बदलता सामाजिक परिवेश, रिश्तों की उधेड़-बुन भी उनकी कहानियों मे प्रमुखता से नजर आती है। [[अगस्त]] [[2009]] तक वे हिन्दी दैनिक "[[हिन्दुस्तान (समाचार पत्र)|हिन्दुस्तान]]" की सम्पादिका थीं। 'हिन्दुस्तान' [[भारत]] में सबसे अधिक पढ़े जाने वाले अख़बारों में से एक हैं। वे हिन्दुस्तान टाइम्स के हिन्दी प्रकाशन समूह की सदस्या भी हैं। इसके अलावा वो लोकसभा चैनल के साप्ताहिक साक्षात्कार कार्यक्रम (बातों बातों में) का संचालन भी करती हैं। | |||
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* 'ओ ओबेरी' । | * 'ओ ओबेरी' । | ||
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* बचुली चौकीदारिन की कढ़ी | |||
* एक स्त्री का विदागीत | |||
* चार दिन की जवानी तेरी। | |||
Revision as of 10:50, 9 March 2015
मृणाल पाण्डे
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पूरा नाम | मृणाल पाण्डे |
जन्म | 26 फ़रवरी, 1946 |
जन्म भूमि | टीकमगढ़, मध्य प्रदेश |
मुख्य रचनाएँ | 'अपनी गवाही', 'हमका दियो परदेस', 'एक स्त्री का विदागीत', 'रास्तों पर भटकते हुए' आदि |
भाषा | हिन्दी |
प्रसिद्धि | मृणाल पाण्डे की मां शिवानी जानी-मानी उपन्यासकार एवं लेखिका थीं। |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | अगस्त 2009 तक वे हिन्दी दैनिक "हिन्दुस्तान" की सम्पादिका थीं। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
मृणाल पाण्डे (अंग्रेज़ी: Mrinal Pandey, 26 फ़रवरी, 1946) हिंदी लेखक, पत्रकार एवं भारतीय टेलीविजन की जानी-मानी हस्ती हैं। टीकमगढ़, मध्य प्रदेश में जन्मी मृणाल पाण्डे को साहित्यानुराग विरासत में मिला। मृणाल पाण्डे की मां शिवानी जानी-मानी उपन्यासकार एवं लेखिका थीं। पहली कहानी प्रतिष्ठित हिंदी साप्ताहिक 'धर्मयुग' में उस समय छपी, जब वह युवावस्था की दहलीज पर थीं। मृणाल ने अपनी कहानियों में शहरी जीवन और सामाजिक परिवेश में महिलाओं की स्थिति को केंद्रीय विषय बनाया है। उनकी कहानियां तेजी से बदलता सामाजिक परिवेश, रिश्तों की उधेड़-बुन भी उनकी कहानियों मे प्रमुखता से नजर आती है। अगस्त 2009 तक वे हिन्दी दैनिक "हिन्दुस्तान" की सम्पादिका थीं। 'हिन्दुस्तान' भारत में सबसे अधिक पढ़े जाने वाले अख़बारों में से एक हैं। वे हिन्दुस्तान टाइम्स के हिन्दी प्रकाशन समूह की सदस्या भी हैं। इसके अलावा वो लोकसभा चैनल के साप्ताहिक साक्षात्कार कार्यक्रम (बातों बातों में) का संचालन भी करती हैं।
प्रमुख कृतियाँ
- उपन्यास
- 'अपनी गवाही'
- 'हमका दियो परदेस'
- 'रास्तों पर भटकते हुए'
- 'पटरंग'
- 'देवी'
- 'ओ ओबेरी' ।
- कहानियाँ
- यानी कि एक बात थी
- बचुली चौकीदारिन की कढ़ी
- एक स्त्री का विदागीत
- चार दिन की जवानी तेरी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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