छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान 5: Difference between revisions
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+[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | +[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
{विश्व की प्राचीनतम नाट्यशाला का अवशेष [[ | {विश्व की प्राचीनतम नाट्यशाला का [[अवशेष]] [[छत्तीसगढ़]] की किस गुफ़ा से प्राप्त हुआ है। | ||
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-रानी गुफ़ा | |||
+[[सीताबेंगरा गुफ़ा]] | |||
-[[जोगीमारा गुफ़ाएं|जोगीमारा गुफ़ा]] | -[[जोगीमारा गुफ़ाएं|जोगीमारा गुफ़ा]] | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||[[चित्र: | ||[[चित्र:Sita-Bengra-Caves-Ramgarh.jpg|right|100px|सीताबेंगरा गुफ़ा]]'सीताबेंगरा गुफ़ा' [[छत्तीसगढ़]] की राजधानी [[रायपुर]] से 280 किलोमीटर दूर रामगढ़ में स्थित है। [[अंबिकापुर]]-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] मार्ग पर स्थित रामगढ़ के जंगल में तीन कमरों वाली यह गुफ़ा देश की सबसे पुरानी नाटयशाला है। [[सीताबेंगरा गुफ़ा]] पत्थरों में ही गैलरीनुमा काट कर बनाई गयी है। यह गुफ़ा प्रसिद्ध [[जोगीमारा गुफ़ाएँ|जोगीमारा गुफ़ा]] के नजदीक ही स्थित है। सीताबेंगरा गुफ़ा का महत्त्व इसके नाट्यशाला होने से है। माना जाता है कि यह [[एशिया]] की अति प्राचीन नाट्यशाला है। इसमें कलाकारों के लिए मंच निचाई पर और दर्शक दीर्घा ऊँचाई पर है। प्रांगन 45 फुट लंबा और 15 फुट चौडा है। इस नाट्यशाला का निर्माण ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी का माना गया है, क्यूँकि पास ही जोगीमारा गुफ़ा की दीवार पर ख्याति प्राप्त [[मौर्य]] [[सम्राट अशोक]] के काल का एक लेख उत्कीर्ण है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सीताबेंगरा गुफ़ा]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] राज्य में देश का सोलर पार्क कहाँ स्थापित किया जायेगा? | {[[छत्तीसगढ़]] राज्य में देश का सोलर पार्क कहाँ स्थापित किया जायेगा? | ||
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{'भिलाई स्टील प्लान्ट' की स्थापना कब हुई थी? | {'भिलाई स्टील प्लान्ट' की स्थापना कब हुई थी? | ||
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-सन 1956 | -सन [[1956]] | ||
+सन 1957 | +सन [[1957]] | ||
-सन 1958 | -सन [[1958]] | ||
-सन 1989 | -सन [[1989]] | ||
||[[चित्र:Hasdeo-River.jpg|right|120px|हसदो नदी, छत्तीसगढ़]][[छत्तीसगढ़]] में कोयले का लगभग 2,690.8 करोड़ टन का भंडार है। [[स्वर्ण]] भंडार लगभग 38,05,000 किलो क्षमता का है। यहाँ [[भारत]] का सर्वोत्तम [[लौह अयस्क]] मिलता है, जिसका 19.7 करोड़ टन का भंडार है। भिलाई में भारत के बड़े इस्पात संयंत्रों में से एक स्थित है। 'भिलाई इस्पात संयत्र' की स्थापना सन् 1957 में की गई थी। यह देश एक बड़ा तथा महत्त्वपूर्ण इस्पात सयंत्र है। राज्य में 75 से भी ज़्यादा बड़े और मध्यम इस्पात उद्योग हैं, जो गर्म धातु, कच्चा लोहा, भुरभुरा लोहा, रेल-पटरियों और लोहे की सिल्लियों आदि का उत्पादन करते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||[[चित्र:Hasdeo-River.jpg|right|120px|हसदो नदी, छत्तीसगढ़]][[छत्तीसगढ़]] में कोयले का लगभग 2,690.8 करोड़ टन का भंडार है। [[स्वर्ण]] भंडार लगभग 38,05,000 किलो क्षमता का है। यहाँ [[भारत]] का सर्वोत्तम [[लौह अयस्क]] मिलता है, जिसका 19.7 करोड़ टन का भंडार है। भिलाई में भारत के बड़े इस्पात संयंत्रों में से एक स्थित है। 'भिलाई इस्पात संयत्र' की स्थापना सन् 1957 में की गई थी। यह देश एक बड़ा तथा महत्त्वपूर्ण इस्पात सयंत्र है। राज्य में 75 से भी ज़्यादा बड़े और मध्यम इस्पात उद्योग हैं, जो गर्म धातु, कच्चा लोहा, भुरभुरा लोहा, रेल-पटरियों और लोहे की सिल्लियों आदि का उत्पादन करते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
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+जामुल सीमेन्ट फ़ैक्ट्री | +जामुल सीमेन्ट फ़ैक्ट्री | ||
-रेमण्ड सीमेन्ट फ़ैक्ट्री | -रेमण्ड सीमेन्ट फ़ैक्ट्री | ||
{[[लौह अयस्क]] की विश्व प्रसिद्ध खदान [[छत्तीसगढ़]] में कहाँ स्थित है? | {[[लौह अयस्क]] की विश्व प्रसिद्ध खदान [[छत्तीसगढ़]] में कहाँ स्थित है? | ||
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{कुम्हारी ([[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]]) में रसायन उद्योग की स्थापना कब हुई? | {कुम्हारी ([[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]]) में रसायन उद्योग की स्थापना कब हुई? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-सन 1951 | -सन [[1951]] | ||
+सन 1961 | +सन [[1961]] | ||
-सन 1971 | -सन [[1971]] | ||
-सन 1981 | -सन [[1981]] | ||
{[[अमृतधारा जल प्रपात]] किस नदी पर स्थित है। | |||
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+[[हसदो नदी]] | |||
-[[इन्द्रावती नदी]] | |||
-[[शिवनाथ नदी]] | |||
-[[मनियारी नदी]] | |||
||[[चित्र:Amritdhara-Waterfall.jpg|right|120px|अमृतधारा जल प्रपात]]'अमृतधारा जल प्रपात' [[छत्तीसगढ़|छत्तीसगढ़ राज्य]] के [[कोरिया ज़िला|कोरिया ज़िले]] में स्थित है। सम्पूर्ण [[भारत]] में छत्तीसगढ़ के कोरिया को प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। इन्हीं में से एक '[[अमृतधारा जल प्रपात]]' है, जो कि [[हसदो नदी]] पर स्थित है। यह झरना मनेन्द्रगढ़-बैकुन्ठपुर सड़क पर है। इस प्रपात का [[जल]] 90 फीट की ऊंचाई से गिरता है। वह बिंदु जहाँ पानी गिरता है, वहाँ एक बड़ा ही प्यारा-सा बादल के जैसा माहौल चारों ओर बन जाता है, जिससे प्रपात की सुन्दरता में चार चाँद लग जाते हैं। अमृतधारा जल प्रपात भगवान [[शिव]] के एक बहुत ही शुभ मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है। इस जगह के आस-पास एक प्रसिद्ध मेला हर साल आयोजित किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अमृतधारा जल प्रपात]] | |||
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Revision as of 06:29, 10 October 2013
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