हरिभद्र: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(नया पन्ना: {{Menu}} ==आचार्य हरिभद्र / Acharya Haribhadra== *आचार्य हरिभद्र वि0 सं0 8वीं शती के विश...)
 
m (1 अवतरण)
(No difference)

Revision as of 08:29, 25 March 2010

आचार्य हरिभद्र / Acharya Haribhadra

  • आचार्य हरिभद्र वि0 सं0 8वीं शती के विश्रुत दार्शनिक एवं नैयायिक हैं। इन्होंने-
  1. अनेकान्तजयपताका,
  2. अनेकान्तवादप्रवेश,
  3. शास्त्रवार्तासमुच्चय,
  4. षड्दर्शनसमुच्चय आदि
  5. जैनन्याय के ग्रन्थ रचे हैं।
  • यद्यपि इनका कोई स्वतंत्र न्याय का ग्रन्थ उपलब्ध नहीं है।
  • किन्तु उनके इन दर्शन ग्रंथों में न्याय की भी चर्चा हमें मिलती है।
  • उनका षड्दर्शन-समुच्चय तो ऐसा दर्शन ग्रन्थ है, जिसमें भारतीय प्राचीन छहों दर्शनों का विवेचन सरल और विशद रूप में किया गया है, तथा जैन दर्शन को अच्छी तरह स्पष्ट किया गया है।
  • इसके द्वारा जैनेतर विद्वानों को जैनदर्शन का सही आकलन हो जाता है।