कर्णगोच्छ: Difference between revisions
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Revision as of 12:19, 8 February 2019
सिंहल के प्राचीन इतिहास दीपवंश 3, 14 में दी गई वंशावली में कर्णगोच्छ के अंतिम राजा नरदेव का उल्लेख है। कर्णगोच्छ का अभिज्ञान अनिश्चित हैं किंतु प्रसंग से सूचित होता है कि यह स्थान भारत में स्थित था न कि लंका में।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 143| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार