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आधुनिक मालखेड़, [[भारत]] के [[कर्नाटक]] राज्य में एक प्राचीन शहर का स्थान है। यह [[हैदराबाद]] से लगभग 135 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। [[राष्ट्रकूट वंश]] के शासक [[अमोघवर्ष प्रथम]] ने नौंवी शताब्दी में इसकी आधारशिला रखी थी और यह उनके वंश की राजधानी बना।  


972 ई॰ में परमार राजा [[सीयक]] ने इसे लूटा। अगले वर्ष इस वंश के पतन के बाद यह [[चालुक्य|चालुक्यों]] के अधिकार में चला गया, जिन्होंने कुछ समय तक इसे राजधानी बनाया। इसके बाद यह कभी भी अपना खोया हुआ वैभव प्राप्त नहीं कर सका और एक गाँव बनकर रह गया।
972 ई. में परमार राजा [[सीयक]] ने इसे लूटा। अगले वर्ष इस वंश के पतन के बाद यह [[चालुक्य|चालुक्यों]] के अधिकार में चला गया, जिन्होंने कुछ समय तक इसे राजधानी बनाया। इसके बाद यह कभी भी अपना खोया हुआ वैभव प्राप्त नहीं कर सका और एक गाँव बनकर रह गया।


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Revision as of 09:26, 25 August 2010

आधुनिक मालखेड़, भारत के कर्नाटक राज्य में एक प्राचीन शहर का स्थान है। यह हैदराबाद से लगभग 135 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। राष्ट्रकूट वंश के शासक अमोघवर्ष प्रथम ने नौंवी शताब्दी में इसकी आधारशिला रखी थी और यह उनके वंश की राजधानी बना।

972 ई. में परमार राजा सीयक ने इसे लूटा। अगले वर्ष इस वंश के पतन के बाद यह चालुक्यों के अधिकार में चला गया, जिन्होंने कुछ समय तक इसे राजधानी बनाया। इसके बाद यह कभी भी अपना खोया हुआ वैभव प्राप्त नहीं कर सका और एक गाँव बनकर रह गया।


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