सर्जन के जीन -किरण मिश्रा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "अविभावक" to "अभिभावक")
m (Text replacement - "बाजार" to "बाज़ार")
Line 52: Line 52:
मैंने जमा कर के रख लिए है
मैंने जमा कर के रख लिए है
ये सोच कर
ये सोच कर
तकनीकी के बाजार में इनकी जरुरत किसे
तकनीकी के बाज़ार में इनकी जरुरत किसे
आने वाला कल एंटी एजिंग साइंस का है
आने वाला कल एंटी एजिंग साइंस का है
ये में रख  जाउंगी उन पीढियों के  लिए जो
ये में रख  जाउंगी उन पीढियों के  लिए जो

Revision as of 13:21, 15 November 2016

चित्र:Icon-edit.gif यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक/लेखकों का है भारतकोश का नहीं।
सर्जन के जीन -किरण मिश्रा
पूरा नाम डॉ. किरण मिश्रा
जन्म 12 अक्टूबर, 1980
जन्म भूमि अंबिकापुर, छत्तीसगढ़
मुख्य रचनाएँ समाजशास्त्र: एक परिचय
भाषा हिन्दी
शिक्षा परास्नातक (समाजशास्त्र)
पुरस्कार-उपाधि माटी साहित्य सम्मान (2013), सरस्वती सम्मान (2012), निरालाश्री पुरस्कार (2015) आदि
नागरिकता भारतीय
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
किरण मिश्रा की रचनाएँ

प्रेम की भाषा, अपनत्व के छंद
सुकून के पल,
मैंने जमा कर के रख लिए है
ये सोच कर
तकनीकी के बाज़ार में इनकी जरुरत किसे
आने वाला कल एंटी एजिंग साइंस का है
ये में रख  जाउंगी उन पीढियों के  लिए जो
आधे मशीन बने असंतुष्ट अवसाद में घिरे
खोज रहे होंगे संतुष्टि और सृजन के जीन को

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख