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<div style="padding:3px">[[चित्र:Chetanya-Mahaprabhu.jpg|right|border|100px|link=चैतन्य महाप्रभु]]</div>
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<div style="padding:3px">[[चित्र:Mahatma-Gandhi-1.jpg|right|border|100px|महात्मा गाँधी|link=गाँधी युग]]</div>
 
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           '''[[चैतन्य महाप्रभु]]''' [[भक्तिकाल]] के प्रमुख संतों में से एक हैं। इन्होंने [[वैष्णव|वैष्णवों]] के [[चैतन्य सम्प्रदाय|गौड़ीय संप्रदाय]] की आधारशिला रखी। भजन गायकी की एक नयी शैली को जन्म दिया तथा राजनीतिक अस्थिरता के दिनों में [[हिन्दू]]-[[मुस्लिम]] एकता की सद्भावना को बल दिया, जाति-पांत, ऊँच-नीच की भावना को दूर करने की शिक्षा दी तथा विलुप्त [[वृन्दावन]] को फिर से बसाया और अपने जीवन का अंतिम भाग वहीं व्यतीत किया। बाल्यावस्था में इनका नाम विश्वंभर था, परंतु सभी इन्हें 'निमाई' कहकर पुकारते थे। गौरवर्ण का होने के कारण लोग इन्हें 'गौरांग', 'गौर हरि', 'गौर सुंदर' आदि भी कहते थे। महाप्रभु चैतन्य के जीवन चरित के लिए [[वृन्दावनदास ठाकुर|वृन्दावनदास]] द्वारा रचित '[[चैतन्य भागवत]]' और [[कृष्णदास कविराज]] द्वारा 1590 में रचित '[[चैतन्य चरितामृत]]' नामक ग्रन्थ प्रमुख हैं। चैतन्य महाप्रभु ने 'अचिन्त्य भेदाभेदवाद' का प्रवर्तन किया, किन्तु प्रामाणिक रूप से इनका कोई ग्रन्थ उपलब्ध नहीं होता। इनके कुछ शिष्यों के मतानुसार 'दशमूल श्लोक' इनके रचे हुए हैं। [[चैतन्य महाप्रभु|... और पढ़ें]]</poem>
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           ''''[[गाँधी युग]]'''' [[महात्मा गाँधी]] के अपने सत्य, [[अहिंसा व्रत|अहिंसा]] एवं [[सत्याग्रह]] के साधनों से भारतीय राजनीतिक मंच पर [[1919]] ई. से [[1948]] ई. तक के कार्यकाल को माना जाता है। जे. एच. होम्स ने गाँधी जी के बारे में कहा कि- "गाँधी जी की गणना विगत युगों के महान व्यक्तियों में की जा सकती है। वे अल्फ़्रेड, वाशिंगटन तथा लैफ़्टे की तरह एक महान राष्ट्र निर्माता थे। उन्होंने बिलबर फ़ोर्स, गैरिसन और लिंकन की भांति [[भारत]] को दासता से मुक्त कराने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया। वे सेंट फ़्राँसिस एवं टॉलस्टाय की अहिंसा के उपदेशक और [[बुद्ध]], [[ईसा मसीह|ईसा]] तथा जरथ्रुस्त की तरह आध्यात्मिक नेता थे।" गाँधी जी भारत के उन कुछ चमकते हुए सितारों में से एक थे, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता एवं राष्ट्रीय एकता के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। [[गाँधी युग|... और पढ़ें]]</poem>
 
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Revision as of 15:47, 14 August 2015

ek alekh

          'gaandhi yug' mahatma gaandhi ke apane saty, ahiansa evan satyagrah ke sadhanoan se bharatiy rajanitik manch par 1919 ee. se 1948 ee. tak ke karyakal ko mana jata hai. je. ech. homs ne gaandhi ji ke bare mean kaha ki- "gaandhi ji ki ganana vigat yugoan ke mahan vyaktiyoan mean ki ja sakati hai. ve alfred, vashiangatan tatha laifte ki tarah ek mahan rashtr nirmata the. unhoanne bilabar fors, gairisan aur liankan ki bhaanti bharat ko dasata se mukt karane ka mahattvapoorn kary kiya. ve seant fraansis evan t aaulastay ki ahiansa ke upadeshak aur buddh, eesa tatha jarathrust ki tarah adhyatmik neta the." gaandhi ji bharat ke un kuchh chamakate hue sitaroan mean se ek the, jinhoanne desh ki svatantrata evan rashtriy ekata ke lie apana poora jivan samarpit kar diya. ... aur padhean


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