ज़बान चलाना: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''ज़बान चलाना''' एक प्रचलित कहावत लोकोक्ति मुहावरे|...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
Line 3: | Line 3: | ||
'''अर्थ'''- | '''अर्थ'''- | ||
#जल्दी-जल्दी बातें कहना। | #जल्दी-जल्दी बातें कहना। | ||
#बढ़-बढ़कर या उद्दंडतापूर्वक बातें | #बढ़-बढ़कर या उद्दंडतापूर्वक बातें करना। | ||
'''प्रयोग'''- हम माँ के सामने ऐसे ज़बान चलाते | '''प्रयोग''' - | ||
#हम [[माँ]] के सामने ऐसे ज़बान चलाते तो पापा ने [[ओखली]] में कूट दिया होता। ...([[यशपाल]]) | |||
#कभी उन्हें भी [[आँख]] दिखाओ, कभी उनके सामने भी ज़बान चलाओ तो जानें। ...(भूषण वनमाली) | |||
#अस्पताल की मामूली सी नर्स और शान यह कि हम से ज़बान चलाती है। ...(भूषण वनमाली) | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== |
Revision as of 13:14, 8 November 2015
ज़बान चलाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ-
- जल्दी-जल्दी बातें कहना।
- बढ़-बढ़कर या उद्दंडतापूर्वक बातें करना।
प्रयोग -
- हम माँ के सामने ऐसे ज़बान चलाते तो पापा ने ओखली में कूट दिया होता। ...(यशपाल)
- कभी उन्हें भी आँख दिखाओ, कभी उनके सामने भी ज़बान चलाओ तो जानें। ...(भूषण वनमाली)
- अस्पताल की मामूली सी नर्स और शान यह कि हम से ज़बान चलाती है। ...(भूषण वनमाली)