मुर्शिदाबाद: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 12: | Line 12: | ||
==पर्यटन स्थल== | ==पर्यटन स्थल== | ||
यहाँ ऐतिहासिक महत्व के स्थानों में 1837 में इतालवी शैली में बनवाया गया निज़ामत क़िला (नवाबों का महल), दक्षिण में मोती झील, जिसमें मुरादबाग़ महल है और ख़ुशबाग़ क़ब्रिस्तान है, जिसमें अंतिम महान नवाब [[अलीवर्दी ख़ाँ]] और अंग्रेज़ों द्वारा पलासी की लड़ाई में पराजित उनके पोते [[सिराजुद्दौला]] की क़ब्रें हैं, यहाँ 1869 में नगरपालिका का गठन हुआ था। | यहाँ ऐतिहासिक महत्व के स्थानों में 1837 में इतालवी शैली में बनवाया गया निज़ामत क़िला (नवाबों का महल), दक्षिण में मोती झील, जिसमें मुरादबाग़ महल है और ख़ुशबाग़ क़ब्रिस्तान है, जिसमें अंतिम महान नवाब [[अलीवर्दी ख़ाँ]] और अंग्रेज़ों द्वारा पलासी की लड़ाई में पराजित उनके पोते [[सिराजुद्दौला]] की क़ब्रें हैं, यहाँ 1869 में नगरपालिका का गठन हुआ था। | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= | ||
Line 19: | Line 20: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
[[Category:पश्चिम बंगाल]] | |||
[[Category: | [[Category:पश्चिम बंगाल के नगर]][[Category:भारत के नगर]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 09:15, 29 August 2010
मुर्शिदाबाद नगर, पश्चिम बंगाल राज्य, पूर्वोत्तर भारत में भागीरथी नदी के ठीक पूर्व में स्थित है।
इतिहास
मुर्शिदाबाद का मूल नाम मक़सूदाबाद था, जिसे मुग़ल बादशाह अकबर द्वारा 16वीं शताब्दी में स्थापित बताया जाता है। 1704 में नवाब मुर्शिद कुली ख़ाँ (औरंगज़ेब के आदेश का पालन करते हुए) अपनी राजधानी ढाका से इस नगर में ले आए और इस नगर का नामकरण मुर्शिदाबाद किया। ब्रिटिश शासन के तहत यह नगर 1790 तक राजधानी बना रहा।
व्यापार और उद्योग
यह नगर कृषि व्यापार, काँसा और रेशम उद्योग व रेशम बुनाई का केन्द्र है।
शिक्षण संस्थान
मुर्शिदाबाद में कई महाविद्यालय हैं, जो कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार मुर्शिदाबाद की जनसंख्या 36,894 है।
पर्यटन स्थल
यहाँ ऐतिहासिक महत्व के स्थानों में 1837 में इतालवी शैली में बनवाया गया निज़ामत क़िला (नवाबों का महल), दक्षिण में मोती झील, जिसमें मुरादबाग़ महल है और ख़ुशबाग़ क़ब्रिस्तान है, जिसमें अंतिम महान नवाब अलीवर्दी ख़ाँ और अंग्रेज़ों द्वारा पलासी की लड़ाई में पराजित उनके पोते सिराजुद्दौला की क़ब्रें हैं, यहाँ 1869 में नगरपालिका का गठन हुआ था।
|
|
|
|
|