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.आनुभविक विश्वास, मूल्य अभिरुचियां, प्रभावी अनुक्रियाएं,
.आनुभविक विश्वास, मूल्य अभिरुचियां, प्रभावी अनुक्रियाएं,


{लोक सभा में किसी विधेयक पर आम बहस किस स्तर पर होती है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-146,प्रश्न-58
{[[लोक सभा]] में किसी विधेयक पर आम बहस किस स्तर पर होती है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-146,प्रश्न-58
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-विधेयक की प्रस्तुति के समय
-विधेयक की प्रस्तुति के समय
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||विधेयक को पुर:स्थापित करने का प्रक्रम उसका प्रथम वाचन होता है। द्वितीय वाचन में विधेयक पर विचार-दिमर्श होता है। सभा के सदस्य उसी स्तर पर आम बहस करते हैं। द्वितीय वाचन में ही सभा विधेयक को प्रवर समिति या दोनों सभाओं की संयुक्त समिति को सौंप सकती है। द्वितीय वाचन में ही विधेयक पर खंडश: विचार भी होता है। प्रभारी सदस्य का यह प्रस्ताव कि विधेयक या यथासंशोधित विधेयक पारित किया जाए विधेयक का तृतीय वाचन कहलाता है।
||विधेयक को पुर:स्थापित करने का प्रक्रम उसका प्रथम वाचन होता है। द्वितीय वाचन में विधेयक पर विचार-दिमर्श होता है। सभा के सदस्य उसी स्तर पर आम बहस करते हैं। द्वितीय वाचन में ही सभा विधेयक को प्रवर समिति या दोनों सभाओं की संयुक्त समिति को सौंप सकती है। द्वितीय वाचन में ही विधेयक पर खंडश: विचार भी होता है। प्रभारी सदस्य का यह प्रस्ताव कि विधेयक या यथासंशोधित विधेयक पारित किया जाए विधेयक का तृतीय वाचन कहलाता है।


{संघ लोक सेवा आयोग का प्रधान कौन होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-156,प्रश्न-116
{संघ [[लोक सेवा आयोग]] का प्रधान कौन होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-156,प्रश्न-116
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-एक [[राष्ट्रपति]]
-एक [[राष्ट्रपति]]
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-[[सर्वोच्च न्यायालय]] का एक न्यायाधीश
-[[सर्वोच्च न्यायालय]] का एक न्यायाधीश
-मंत्रिमंडल का एक मंत्री
-मंत्रिमंडल का एक मंत्री
||संघ लोक सेवा अयोग [[भारत]] के संविधान द्वारा स्थापित एक संवैधानिक निकाय है जो भारत सरकार की लोक सेवा के पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाओं का संचालन करता है। संघ लोक सेवा आयोग में एक अध्यक्ष तथा दस सदस्य होते हैं। आयोग का प्रधान, अध्यक्ष होता है। 22 नवंबर, 2014 से दीपक गुप्ता संघ सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष हैं।
||संघ लोक सेवा अयोग [[भारत]] के संविधान द्वारा स्थापित एक संवैधानिक निकाय है जो भारत सरकार की लोक सेवा के पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाओं का संचालन करता है। संघ लोक सेवा आयोग में एक अध्यक्ष तथा दस सदस्य होते हैं। आयोग का प्रधान, अध्यक्ष होता है। [[22 नवंबर]], [[2014]] से दीपक गुप्ता संघ सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष हैं।


{समाजवादी विचार का संबंध है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-63,प्रश्न-67
{समाजवादी विचार का संबंध है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-63,प्रश्न-67
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+रैम्जे म्योर
+रैम्जे म्योर
-बेजहाट
-बेजहाट
||संसदीय व्यवस्था में मंत्रिमण्डल (प्रधानमंत्री के नेतृत्व) कार्यपालिका की शक्तियों का प्रयोग करती है। शासन संचालन का पूरा दायित्व इसी पर होता है। इसी संदर्भ में रैम्जेम्योर ने कहा है कि "यह जहाज रूपी राज्य को घुमाने वाला चक्र है।" मंत्रिमण्डल के उत्तर दायित्व के बारे में मार्ले ने लिखा है कि "मंत्रिमण्डल के सब मंत्री साथ-साथ डूबते है तथा साथ-साथ तैरते हैं।"
||संसदीय व्यवस्था में मंत्रिमण्डल ([[प्रधानमंत्री]] के नेतृत्व) कार्यपालिका की शक्तियों का प्रयोग करती है। शासन संचालन का पूरा दायित्व इसी पर होता है। इसी संदर्भ में रैम्जेम्योर ने कहा है कि "यह जहाज रूपी राज्य को घुमाने वाला चक्र है।" मंत्रिमण्डल के उत्तर दायित्व के बारे में मार्ले ने लिखा है कि "मंत्रिमण्डल के सब मंत्री साथ-साथ डूबते है तथा साथ-साथ तैरते हैं।"
मंत्रिमण्डल के बारे में अन्य कथन-
.गेडस्टन ने-लिखा है कि "यह एक सूर्यपिण्ड है जिसके चारों ओर अन्य पिण्ड घूमते हैं।
.बेजहाट के अनुसार-"यह संयोजक समिति है, एक हाइफन है जो जोड़ता है, एक बकसुआ है जो कार्यपालिका और व्यवस्थापिका को एक साथ बोध देता है।"
[[प्रधानमंत्री]] के बारे में कथन-
.'यह संपूर्ण शासन व्यवस्था की चूल है'-लास्की
.'छोटे-छोटे नक्षत्रों के बीच में चंद्रमा'-वर्मन।


{लाखों लोग [[कार्ल मार्क्स|मार्क्स]] को देवता के रूप में पूजते हैं और अन्य लाखों लोग एक दुष्ट के रूप में घृणा करते हैं", यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-58,प्रश्न-41
{लाखों लोग [[कार्ल मार्क्स|मार्क्स]] को देवता के रूप में पूजते हैं और अन्य लाखों लोग एक दुष्ट के रूप में घृणा करते हैं", यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-58,प्रश्न-41

Revision as of 12:16, 12 November 2017

1 श्रेणी समाजवाद समर्थन करता है?

एक व्यक्ति, दो मत
एक व्यक्ति, एक मत
एक व्यक्ति, जितने हित-उतने मत
उपर्युक्त में से कोई नहीं

2 निम्न में से कौन विकेंद्रित समाजवाद के प्रबल समर्थक थे? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-62,प्रश्न-65

जयप्रकाश नारायण
आचार्य नरेंद्र देव
डॉ. राम मनोहर लोहिया
आचार्य विनोबा भावे

3 "रक्त संबंध समाज को जन्म देता है और कालांतर में समाज राज्य को" यह कथन है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-13,प्रश्न-52

लीकॉक का
मैकाइवर का
जैक्स का
गैटल का

4 वह अभिमत कि "प्रतिस्पर्धा संघर्ष और शोषण पर आधारित भौतिक प्रगति समाज को अमानवीयकरण की ओर ले जाती है"। किस विचारक से संबंधित है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-74,प्रश्न-60

कांट
रूसो
मार्क्स
एरिक फ्रॉम

5 समानता के उदारवादी विचार से निम्नलिखित में किस प्रकार की समानता अनुरूप नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-88,प्रश्न-27

कानूनी समानता
सामाजिक समानता
राजनीतिक समानता
आर्थिक समानता

6 इनमें से कौन राजनीतिक संस्कृति का संघटक नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-75,प्रश्न-71

आनुभविक विश्वास
व्यक्तिपरक हित
मूल्य अभिरुचियां
प्रभावी अनुक्रियाएं

7 लोक सभा में किसी विधेयक पर आम बहस किस स्तर पर होती है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-146,प्रश्न-58

विधेयक की प्रस्तुति के समय
द्वितीय वाचन के समय
तृतीय वाचन के समय
प्रतिवेदन स्तर पर

8 संघ लोक सेवा आयोग का प्रधान कौन होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-156,प्रश्न-116

एक राष्ट्रपति
एक अध्यक्ष
सर्वोच्च न्यायालय का एक न्यायाधीश
मंत्रिमंडल का एक मंत्री

9 समाजवादी विचार का संबंध है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-63,प्रश्न-67

राजनीतिक समानता से
आर्थिक समानता से
शैक्षिक समानता से
सांस्कृतिक समानता से

10 "मंत्रिपरिषद जहाजरूपी शासन को चलाने वाला पहिया है।" यह किसने कहा है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-77,प्रश्न-81

मेरियट
लास्की
रैम्जे म्योर
बेजहाट

11 लाखों लोग मार्क्स को देवता के रूप में पूजते हैं और अन्य लाखों लोग एक दुष्ट के रूप में घृणा करते हैं", यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-58,प्रश्न-41

मैक्सी
सेबाइन
कार्ल पॉपर
ऑकशाट

12 फ़ेबियन समाजवाद समर्थक नहीं था- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-60,प्रश्न-52

उग्र परिवर्तनों का
म्यूनिसिपल सुधारों का
अविलंब सामाजिक पुन: संरचना का
मजदूरों के आंदोलन का