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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {शीघ्रता से किया गया रेखांकन अथवा चित्रण क्या कहलाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-168,प्रश्न-15
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| -कोलॉज
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| +स्केच
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| -भित्तिचित्र
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||स्केच, एक तेजी से निष्पादित मुक्त हस्त ड्राइंग है। स्केच के द्वारा रेखांकन अथवा चित्रण के लिए ग्रेफाइट पेंसिल, सिल्वर प्वाइंट आदि का प्रयोग किया जाता है।
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| {'[[ज्ञानपीठ पुरस्कार|ज्ञानपीठ]]' पुरस्कार किससे संबंधित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-183,प्रश्न-15
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| -[[कला]]
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| +[[साहित्य]]
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| -[[नाटक]]
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| -[[संगीत]]
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| ||[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]], भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा [[भारतीय साहित्य]] के लिए प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। इसकी स्थापना वर्ष 1961 में साहू जैन परिवार ने की थी। पुरस्कार स्वरूप 11 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिभा प्रदान की जाती है। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[ज्ञानपीठ पुरस्कार|ज्ञानपीठ]]
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| {हेनरी मूर कहां के निवासी थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-189,प्रश्न-46
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| +[[इंग्लैंड]]
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| -[[अमेरिका]]
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| -[[ऑस्ट्रेलिया]]
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| -[[अफ्रीका]]
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| ||हेनरी मूर 20वीं शताब्दी के अति महत्त्वपूर्ण ब्रिटिश शिल्पकार थे। इनका जन्म [[30 जुलाई]], 1898 ई. को कैसटलफोर्ड, यॉर्कशायर, इंग्लैंड में हुआ था। बर्ड बास्केट (Bird Basket-1939) इनके अति महत्त्वपूर्ण कलाओं में है। ये अतियथार्थवादी थे। इनकी मृत्यु [[31 अगस्त]], [[1986]] ई. को [[इंग्लैंड]] में हो गयी।
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| {'शिल्प रत्न' के लेखक कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-205,प्रश्न-154
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| -[[भरत मुनि]]
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| -यशोधर पंडित
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| +श्री कुमार
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||'शिल्प रत्न' शिल्पशास्त्र का एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है। इस वृहद् ग्रंथ के रचयिता [[केरल]] प्रांत के आचार्य श्री कुमार थे।
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| {[[मूर्तिकला]] की उस शैली को क्या कहते हैं जो ग्रीक-रोमन कला से प्रभावित रही? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-217,प्रश्न-236
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| |type="()"}
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| -[[मूर्ति कला मथुरा|मथुरा]]
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| -[[भरहुत मूर्तिकला|भरहुत]]
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| +[[गांधार मूर्तिकला शैली|गांधार]]
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| -[[राजस्थानी मूर्तिकला]]
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| ||भारतीय और यूनानी आकृति की सम्मिश्रण शैली गांधार शैली है। इस [[मूर्तिकला]] शैली के प्रमुख संरक्षक [[शक]] एवं [[कुषाण]] थे। गांधार कला शैली कुषाणों के समय पनपी थी। गांधार कला [[पाकिस्तान]] एवं पूर्वी [[अफगानिस्तान]] के बीच विकसित हुई। [[भारत]] में यह [[कला]] कुषाण वंश के दौरान फली-फूली तथा कुषाण कला का एक महत्त्वपूर्ण अंग बन गई। इन कला का विषय मात्र बौद्ध होने के कारण इसे 'यूनानी बौद्ध', 'इंडो-ग्रीक', या 'ग्रीको-रोमन' भी कहा जाता है।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[गांधार मूर्तिकला शैली|गांधार]]
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| {[[गांधार मूर्तिकला शैली|गांधार कला]] किसके समय पनपी थी? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-218,प्रश्न-237
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| |type="()"}
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| -[[शाक्य गणराज्य|शाक्य]]
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| -[[मौर्य]]
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| +[[कुषाण]]
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| -[[शुंग]]
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| ||भारतीय और यूनानी आकृति की सम्मिश्रण शैली [[गांधार मूर्तिकला शैली|गांधार शैली]] है। इस मूर्तिकला शैली के प्रमुख संरक्षक [[शक]] एवं [[कुषाण]] थे। गांधार कला शैली कुषाणों के समय पनपी थी। गांधार कला [[पाकिस्तान]] एवं पूर्वी [[अफगानिस्तान]] के बीच विकसित हुई। [[भारत]] में यह कला कुषाण वंश के दौरान फली-फूली तथा कुषाण [[कला]] का एक महत्त्वपूर्ण अंग बन गई। इन कला का विषय मात्र बौद्ध होने के कारण इसे 'यूनानी बौद्ध', 'इंडो-ग्रीक', या 'ग्रीको-रोमन' भी कहा जाता है।
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| {'[[पृथ्वीराज कपूर]] क्या थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-194,प्रश्न-73
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| -नेता
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| -व्यापारी
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| -आर्किटेक्ट
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| +[[अभिनेता]]
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| ||[[पृथ्वीराज कपूर]] [[अभिनेता]] थे। इनका जन्म [[3 नवंबर]], [[1906 |1906]] को अविभाजित [[भारत]] का [[पंजाब]] (विभाजन के बाद [[पाकिस्तान]]) प्रांत में हुआ था। इनकी मृत्यु [[29 मई]], [[1972]] को [[मुंबई]] में कैंसर से हुई।
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| {[[प्रेमचंद]] की कहानी पर आधारित 'शतरंज के खिलाड़ी' नामक चलचित्र का निर्देशक कौन था? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-207,प्रश्न-164
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| |type="()"}
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| -[[ऋत्विक घटक]]
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| -[[ऋषिकेश मुखर्जी]]
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| -शेखर कपूर
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| +[[सत्यजीत रे]]
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| ||प्रेमचंद की कहानी पर आधारित 'शतरंज के खिलाड़ी' वर्ष [[1977]] में बनी हिंदी भाषा की फ़िल्म है। इसके निर्देशक बांग्ला फ़िल्मकार [[सत्यजीत रे]] थे। इसकी कहानी 1856 ई. के अवध नवाब [[वाजिद अली शाह]] के दो अमीरों के इर्द-गिर्द घूमती है। ये दोनों खिलाड़ी शतरंज खेलने में इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें अपने शासन तथा परिवार की कोई फ्रिक नहीं रहती। इसी की पृष्ठभूमि में अंग्रेजों की सेना अवध पर चढ़ाई करती है।
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| {[[सांझी कला]] किस पर की जाती है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-171,प्रश्न-37
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| |type="()"}
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| +[[काग़ज़]] पर
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| -भूमि पर
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| -कलश पर
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| -कपड़े पर
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| ||[[सांझी कला]] मुख्यत: [[काग़ज़]] पर की जाती है। एक सांझी कला के द्वारा भूमि पर छपाई की जाती है। सांझी कला [[ब्रजमंडल]] ([[मथुरा]]) की अनूठी परंपरा रही है। सांझी कला ब्रजमंडल के हर घर के आंगन और तिवारे में ब्रजवासी [[राधा|राधारानी]] के स्वागत के लिए सजाते रहे हैं।
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| {[[भारतवर्ष]] में प्रकाशित पहला अख़बार कौन सा है?
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| -इंडियन एक्सप्रेस
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| -हिंदुस्तान टाइम्स
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| -द हिंदू
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| +बंगाल गजट
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| ||भारतवर्ष में प्रकाशित पहला अख़बार 'बंगाल गजट' है जो वर्ष 1780 में अंग्रेज़ (आयरिश) जेम्स अगस्ट हिकी द्वारा कलकत्ता से प्रकाशित किया गया था। अत: इसी समय से [[कोलकाता]] में पहली छपाई मशीन की शुरुआत हुई।
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| {वर्ष 1630 में चित्रित '[[रसिकप्रिया|रसिक प्रिया]]' के चितेरे कौन थे?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-44,प्रश्न-29 | | {वर्ष 1630 में चित्रित '[[रसिकप्रिया|रसिक प्रिया]]' के चितेरे कौन थे?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-44,प्रश्न-29 |