आदम इवान क्रूसेन स्टर्न: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''आदम इवान क्रूसेन स्टर्न''' (177इवान 0-1846 ई.)। रूसी नाविक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''आदम इवान क्रूसेन स्टर्न''' (177इवान 0-1846 ई.)रूसी नाविक और समुद्रान्वेषक। हग्गुड (एस्टोनिया) में 19 नवंबर, 1770 ई. को जन्म। रूसी नौसेना में कार्य आरंभ करने के बाद अंग्रेजी नौसेना में काम करने के लिये भेजा गया जहाँ वह 1793 से 99 ई. तक रहा। इस अवधि में उसने अमरीका, चीन और भारत की यात्रा की। लौट कर उसने रूस और चीन के बीच केपहार्न और केप ऑव गुडहोप के रास्ते सीधी यातायात के लाभ पर एक शोधपूर्ण लेख प्रकाशित किया। फलस्वरूप उसे ही इस अभियान का भार दिया गया। वह दो अंग्रेजी जहाज लेकर क्रोनस्तात से अगस्त, 1803 ई. में रवाना हुआ केपहॉर्न जाकर वह सैंडविंच द्वीप और कामचट्का होता हुआ जापान पहुँचा और वहाँ से वह केप ऑव गुडहोप के मार्ग से अगस्त, 1806 ई. में क्रोनस्तात वापस आया। संसार की परिक्रमा का यह पहला रूसी प्रयास था। उसकी इस यात्रा का वृत्त तीन खंडों में प्रकाशित हुआ है जिसमें 104 नक्शे हैं। उसने पीछे प्रशांत महासागर के नक्शों का एक अटलस और समुद्रन्वेषण पर एक ग्रंथ भी प्रकाशित किए। 24 अगस्त, 1846 ई. को रेवाल में उसकी मृत्यु हुई।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 3|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=215 |url=}}</ref>
'''आदम इवान क्रूसेन स्टर्न''' (177इवान 0-1846 ई.) एक रूसी नाविक और समुद्रान्वेषक था। उसका जन्म हग्गुड (एस्टोनिया) में [[19 नवंबर]], 1770 ई. को हुआ था। रूसी नौसेना में कार्य आरंभ करने के बाद उसे अंग्रेजी नौसेना में काम करने के लिये भेजा गया जहाँ वह 1793 से 99 ई. तक रहा।  
==यात्राएँ==
इस अवधि में उसने [[अमरीका]], [[चीन]] और [[भारत]] की यात्रा की। लौट कर उसने रूस और चीन के बीच केपहार्न और केप ऑव गुडहोप के रास्ते सीधी यातायात के लाभ पर एक शोधपूर्ण लेख प्रकाशित किया। फलस्वरूप उसे ही इस अभियान का भार दिया गया। वह दो अंग्रेजी जहाज लेकर क्रोनस्तात से [[अगस्त]], 1803 ई. में रवाना हुआ। केपहॉर्न जाकर वह सैंडविंच द्वीप और कामचट्का होता हुआ [[जापान]] पहुँचा और वहाँ से वह केप ऑव गुडहोप के मार्ग से अगस्त, 1806 ई. में क्रोनस्तात वापस आया।  
==रचनाएँ==
संसार की परिक्रमा का यह पहला रूसी प्रयास था। उसकी इस यात्रा का वृत्त तीन खंडों में प्रकाशित हुआ है जिसमें 104 नक्शे हैं। उसने बाद में [[प्रशांत महासागर]] के नक्शों का एक एटलस और समुद्रन्वेषण पर एक [[ग्रंथ]] भी प्रकाशित किया।
==निधन==
24 अगस्त, 1846 ई. को रेवाल में उसकी मृत्यु हुई।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 3|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=215 |url=}}</ref>


{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
Line 7: Line 13:
{{विदेशी अन्वेषक}}
{{विदेशी अन्वेषक}}
[[Category:विदेशी अन्वेषक]][[Category:चरित कोश]][[Category:विदेशी यात्री]][[Category:चरित कोश]][[Category:जीवनी साहित्य]]
[[Category:विदेशी अन्वेषक]][[Category:चरित कोश]][[Category:विदेशी यात्री]][[Category:चरित कोश]][[Category:जीवनी साहित्य]]
[[Category:हिन्दी_विश्वकोश]]
[[Category:हिन्दी_विश्वकोश]] [[Category:विदेशी]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 04:48, 7 January 2020

आदम इवान क्रूसेन स्टर्न (177इवान 0-1846 ई.) एक रूसी नाविक और समुद्रान्वेषक था। उसका जन्म हग्गुड (एस्टोनिया) में 19 नवंबर, 1770 ई. को हुआ था। रूसी नौसेना में कार्य आरंभ करने के बाद उसे अंग्रेजी नौसेना में काम करने के लिये भेजा गया जहाँ वह 1793 से 99 ई. तक रहा।

यात्राएँ

इस अवधि में उसने अमरीका, चीन और भारत की यात्रा की। लौट कर उसने रूस और चीन के बीच केपहार्न और केप ऑव गुडहोप के रास्ते सीधी यातायात के लाभ पर एक शोधपूर्ण लेख प्रकाशित किया। फलस्वरूप उसे ही इस अभियान का भार दिया गया। वह दो अंग्रेजी जहाज लेकर क्रोनस्तात से अगस्त, 1803 ई. में रवाना हुआ। केपहॉर्न जाकर वह सैंडविंच द्वीप और कामचट्का होता हुआ जापान पहुँचा और वहाँ से वह केप ऑव गुडहोप के मार्ग से अगस्त, 1806 ई. में क्रोनस्तात वापस आया।

रचनाएँ

संसार की परिक्रमा का यह पहला रूसी प्रयास था। उसकी इस यात्रा का वृत्त तीन खंडों में प्रकाशित हुआ है जिसमें 104 नक्शे हैं। उसने बाद में प्रशांत महासागर के नक्शों का एक एटलस और समुद्रन्वेषण पर एक ग्रंथ भी प्रकाशित किया।

निधन

24 अगस्त, 1846 ई. को रेवाल में उसकी मृत्यु हुई।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 3 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 215 |

संबंधित लेख