ऊष्मा: Difference between revisions
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ऊष्मा एक प्रकार की [[ऊर्जा]] है, जो दो वस्तुओं के बीच उनके तापान्तर के कारण एक वस्तु से दूसरी वस्तु में स्थानान्तरित होती है। स्थानान्तरण के समय ही उर्जा ऊष्मा कहलाती है। वस्तु का [[ताप]], वस्तु में ऊष्मा की मात्रा तथा वस्तु के [[पदार्थ]] की प्रकृति पर निर्भर करता है, जबकि किसी वस्तु में निहित ऊष्मा उस वस्तु के [[द्रव्यमान]] व ताप पर निर्भर करती है। ऊष्मा एक प्रकार की ऊर्जा है, जिसे कार्य में बदला जा सकता है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण सबसे पहले रमफोर्ड ने दिया। बाद में डेवी ने दो बर्फ़ के टुकड़े को आपस में घिसकर पिघला दिया। चुँकि बर्फ़ को पिघलने के लिए ऊष्मा का और कोई स्रोत नहीं था, अतः यह माना गया कि बर्फ़ को घिसने में किया कार्य बर्फ़ पिघलने के लिए ली गई आवश्यक ऊष्मा में बदल गया। बाद में [[जूल]] ने अपने प्रयोगों से इस बात की पुष्टि की कि "ऊष्मा ऊर्जा का ही एक रूप है।" जूल ने बताया कि जब कभी कार्य ऊष्मा में बदलती है, या ऊष्मा कार्य में बदलती है, तो किए गए कार्य व उत्पन्न ऊष्मा का अनुपात एक स्थिरांक होता है, या ऊष्मा का यांत्रिक तुल्यांक कहते हैं तथा इसको <math>{J}</math> से सूचित करते है। | ऊष्मा एक प्रकार की [[ऊर्जा]] है, जो दो वस्तुओं के बीच उनके तापान्तर के कारण एक वस्तु से दूसरी वस्तु में स्थानान्तरित होती है। स्थानान्तरण के समय ही उर्जा ऊष्मा कहलाती है। वस्तु का [[ताप]], वस्तु में ऊष्मा की मात्रा तथा वस्तु के [[पदार्थ]] की प्रकृति पर निर्भर करता है, जबकि किसी वस्तु में निहित ऊष्मा उस वस्तु के [[द्रव्यमान]] व ताप पर निर्भर करती है। ऊष्मा एक प्रकार की ऊर्जा है, जिसे कार्य में बदला जा सकता है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण सबसे पहले रमफोर्ड ने दिया। बाद में डेवी ने दो बर्फ़ के टुकड़े को आपस में घिसकर पिघला दिया। चुँकि बर्फ़ को पिघलने के लिए ऊष्मा का और कोई स्रोत नहीं था, अतः यह माना गया कि बर्फ़ को घिसने में किया कार्य बर्फ़ पिघलने के लिए ली गई आवश्यक ऊष्मा में बदल गया। बाद में [[जूल]] ने अपने प्रयोगों से इस बात की पुष्टि की कि "ऊष्मा ऊर्जा का ही एक रूप है।" जूल ने बताया कि जब कभी कार्य ऊष्मा में बदलती है, या ऊष्मा कार्य में बदलती है, तो किए गए कार्य व उत्पन्न ऊष्मा का अनुपात एक स्थिरांक होता है, या ऊष्मा का यांत्रिक तुल्यांक कहते हैं तथा इसको <math>{J}</math> से सूचित करते है। | ||
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ऊष्मा एक प्रकार की ऊर्जा है, जो दो वस्तुओं के बीच उनके तापान्तर के कारण एक वस्तु से दूसरी वस्तु में स्थानान्तरित होती है। स्थानान्तरण के समय ही उर्जा ऊष्मा कहलाती है। वस्तु का ताप, वस्तु में ऊष्मा की मात्रा तथा वस्तु के पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है, जबकि किसी वस्तु में निहित ऊष्मा उस वस्तु के द्रव्यमान व ताप पर निर्भर करती है। ऊष्मा एक प्रकार की ऊर्जा है, जिसे कार्य में बदला जा सकता है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण सबसे पहले रमफोर्ड ने दिया। बाद में डेवी ने दो बर्फ़ के टुकड़े को आपस में घिसकर पिघला दिया। चुँकि बर्फ़ को पिघलने के लिए ऊष्मा का और कोई स्रोत नहीं था, अतः यह माना गया कि बर्फ़ को घिसने में किया कार्य बर्फ़ पिघलने के लिए ली गई आवश्यक ऊष्मा में बदल गया। बाद में जूल ने अपने प्रयोगों से इस बात की पुष्टि की कि "ऊष्मा ऊर्जा का ही एक रूप है।" जूल ने बताया कि जब कभी कार्य ऊष्मा में बदलती है, या ऊष्मा कार्य में बदलती है, तो किए गए कार्य व उत्पन्न ऊष्मा का अनुपात एक स्थिरांक होता है, या ऊष्मा का यांत्रिक तुल्यांक कहते हैं तथा इसको Failed to parse (SVG (MathML can be enabled via browser plugin): Invalid response ("Math extension cannot connect to Restbase.") from server "https://api.formulasearchengine.com/v1/":): {J} से सूचित करते है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ