आर. डी. प्रधान: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 10: Line 10:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{राज्यपाल}}
{{अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल}}{{राज्यपाल}}
[[Category:राज्यपाल]][[Category:अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल]][[Category:राजनेता]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:राजनीति कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]]
[[Category:राज्यपाल]][[Category:अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल]][[Category:राजनेता]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:राजनीति कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 09:29, 3 July 2021

thumb|250px|राम डी. प्रधान राम डी. प्रधान (अंग्रेज़ी: Ram D. Pradhan, जन्म- 27 जून, 1928; मृत्यु- 31 जुलाई, 2020) पूर्व केंद्रीय गृह सचिव थे। राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री थे, तब आर. डी. प्रधान डेढ़ वर्ष तक केंद्रीय गृह सचिव रहे थे। वे साल 1998 से 2003 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में सोनिया गांधी के कार्यालय के प्रभारी भी रहे। वह 19 मार्च, 1987 से 16 मार्च, 1990 तक अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे।

  • राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंम्बदूर में हत्या कर दी गई थी। पुस्तकों के जरिए भारतीय राजनीति की खुलती परतों के बीच पूर्व गृह सचिव आर. डी. प्रधान ने अपनी किताब के जरिए नया खुलासा किया। उन्होंने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के 10 जनपथ स्थित घर में श्रीलंका के आतंकी संगठन 'लिट्टे' का भेदिया घुस गया था। आर. डी. प्रधान ने यह भी दावा किया था कि सोनिया गांधी भी यह बात मानती थीं।
  • 'माय ईयर्स विद राजीव एंड सोनिया' में आर. डी. प्रधान ने दावा किया कि मेरा पक्का यकीन है कि राजीव के बंगले में लिट्टे की घुसपैठ थी। प्रधान के इस दावे से राजीव गांधी हत्याकांड की जांच कर रहे वर्मा व जैन आयोग को जांच का नया बिंदु मिल गया।
  • आर. डी. प्रधान ने अपनी किताब में लिखा कि यद्यपि कई संदिग्ध गिरफ्तार किए गए और कई दोषी ठहराए गए, लेकिन सच्चाई पूरी तरह सामने नहीं आई। मुझे यह दूर बैठे लोगों की सोची-समझी साजिश का हिस्सा लगता है। 10 जनपथ के अंदर मौजूद कोई व्यक्ति लिट्टे को महत्वपूर्ण सूचनाएं भेजता था। इतना ही नहीं सोनिया गांधी, जो कि 1991 में पूरे साल अमेठी में लोकसभा चुनाव के प्रचार में जुटी रहीं, वे भी इस बात से इत्तेफाक रखती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

  1. पुनर्प्रेषित साँचा:राज्यपाल, उपराज्यपाल व प्रशासक