ऑक्सीजन: Difference between revisions

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ऑक्सीजन एक रंगहीन, गंधहीन [[गैस]] है तथा वायु से कुछ भारी होती है। ठण्डा करने पर यह [[नीला रंग|नीले रंग]] के [[द्रव]] में परिवर्तित हो जाती है। यह गैस स्वयं नहीं जलती है, परन्तु जलने में सहायक होती है। इसकी प्रकृति अनुचुम्बकीय है। ऑक्सीजन को कृत्रिम श्वसन के रूप में प्रयोग करते हैं। तथा इसे प्राण वायु कहते हैं। यह [[धातु|धातुओं]] को जोड़ने तथा [[क्लोरीन]], सल्फ्यूरिक [[अम्ल]] आदि के औद्योगिक निर्माण में प्रयोग की जाती है। वायु में करीब 29.29% मात्रा ऑक्सीजन की होती है। [[चांदी]] को गर्म करने पर यह ऑक्सीजन को अवशोषित कर लेती है तथा ठण्डा करने पर अवशोषित ऑक्सीजन निकल जाती है। इसे चाँदी का उदवमन कहते हैं।
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(अंग्रेज़ी:Oxygen) ऑक्सीजन गैस की खोज सर्वप्रथम स्वीडन के शीले नामक वैज्ञानिक ने 1772 में की थी। ऑक्सीजन आवर्त सारणी का आठवाँ तत्व है। ऑक्सीजन का प्रतीकानुसार 'O' है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s2, 2s2, 2p4 होता है। इसे अवार्त सारणी के उपवर्ग 6A में रखा गया है।

प्रकृति

ऑक्सीजन एक रंगहीन, गंधहीन गैस है तथा वायु से कुछ भारी होती है। ठण्डा करने पर यह नीले रंग के द्रव में परिवर्तित हो जाती है। यह गैस स्वयं नहीं जलती है, परन्तु जलने में सहायक होती है। इसकी प्रकृति अनुचुम्बकीय है। ऑक्सीजन को कृत्रिम श्वसन के रूप में प्रयोग करते हैं। तथा इसे प्राण वायु कहते हैं। यह धातुओं को जोड़ने तथा क्लोरीन, सल्फ्यूरिक अम्ल आदि के औद्योगिक निर्माण में प्रयोग की जाती है। वायु में करीब 29.29% मात्रा ऑक्सीजन की होती है। चांदी को गर्म करने पर यह ऑक्सीजन को अवशोषित कर लेती है तथा ठण्डा करने पर अवशोषित ऑक्सीजन निकल जाती है। इसे चाँदी का उदवमन कहते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ