विटामिन: Difference between revisions
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|B-1 थायमीन | |B-1 थायमीन | ||
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|चर्म रोग, बालों का झड़ना, तन्त्रिका तन्त्र में विकार। | |चर्म रोग, बालों का झड़ना, तन्त्रिका तन्त्र में विकार। | ||
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|नीबू वंश के फल, टमाटर, सब्जियाँ, आलू व अन्य फल। | |नीबू वंश के फल, टमाटर, सब्जियाँ, आलू व अन्य फल। |
Revision as of 04:42, 22 November 2010
(अंग्रेज़ी:Vitamin) विटामिन जटिल कार्बनिक पदार्थ होते हैं तथा शरीर की उपापचयी क्रियाओं में भाग लेते हैं। इन्हें वृद्धिकारक भी कहते हैं। इनकी कमी से अपूर्णता रोग हो जाते हैं। इन्हें दो वर्गों में विभक्त किया जाता है-
- जल में घुलनशील विटामिन्स, जैसे- विटामिन 'बी', 'सी'।
- वसा में घुलनशील विटामिन्स, जैसे- विटामिन 'ए', 'डी', 'के' आदि।
घुलीशील | क्रम | नाम | स्रोत | कायिकी पर प्रभाव | कमी का प्रभाव |
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वसा में घुलीशील | |||||
1 | A-रटिनाल | दूध, मक्खन, अण्डा, जिगर, मछली का तेल। | नेत्र की रोड्स में राडाप्सिन का संश्लेषण एपिथिलियम स्तर में वृद्धि। | कार्निया व त्वचा की काशाआका शल्की भवन; रतोधी। | |
2 | D-अगाकल्सोफराल कालोकल्सोफराल | मक्खन, जिगर, मछली का तेल, गद, अण्ड आर योस्ट में। | कैल्शियम व फास्फोरस का उपापचय, हड्डियाँ और दाँतों की वृद्धि। | सूखा रोग, तथा आस्टियामलसिया | |
3 | E-टाकाफरोल | हरी पत्तियाँ, गेहूँ, अण्डे की जर्दी। | जननिक एपिथीलियम की वृद्धि, पशिया की क्रियाशीलता। | जनन क्षमता की कमी, पेशियाँ कमजोर। | |
4 | K-नफ्थनक्विनान | हरी पत्तियाँ, पनीर, अण्डा, जिगर, टमाटर, बक्टोरिया। | जिगर में पाथाम्बिन का निर्माण। | रक्त का थक्का नहीं जमता। | |
जल में घुलनशील | |||||
विटामिन बी काम्पलक्स | 1 | B-1 थायमीन | अनाज, फलियाँ, यीस्ट, अण्ड, माँस, | कार्बोहाइड्रेट एवं वसा उपापचय के लिए जरूरी | बेरी–बेरी |
2 | B-2(G) राइबोफ्लेविन | पनीर, अण्डा, यीस्ट, हरी पत्तियाँ, गेहूँ, जिगर, माँस। | उपापचय व महत्वपूर्ण, F AD का घटक। | कोलासिस, ग्लासाइटिस तथा साबारिक डमटाइसिस। | |
3 | B-3 पन्टाथोनिक अम्ल | यीस्ट, अण्ड, जिगर, माँस,दूध, टमाटर, मूँगफली, गन्ना। | कटबालिज्म के काएन्जाइम A का घटक | चर्म रोग, वृद्धि कम, बाल सफ़ेद, जनन क्षमता कम। | |
4 | B-5 नायसिन निकाटिनिक अम्ल | यीस्ट, माँस, जिगर, मछली, अनाज, दाल, दूध,अण्ड। | उपापचय व महत्वपूर्ण, NAD घटक। | पलागा। | |
5 | B-6 पाइरोडोक्सिन | दूध, यीस्ट, माँस, अनाज, जिगर, सब्जी, दाल व फल। | प्रोटीन एवं अमीनों अम्ल उपापचय में महत्वपूर्ण। | रक्ताल्पता, चर्म रोग, पेशीय ऐठन। | |
6 | B-12 सायनाकाबालमीन | माँस, मछली, अण्डा जिगर, दूध, बक्टोरिया। | वृद्धि रुधिराणुओं का निर्माण। | रक्तक्षीणता और धीमी वृद्धि। | |
7 | फालिक अम्ल समूह | हरी पत्तियाँ, जिगर, सोयाबीन, यीस्ट, गद। | वृद्धि, रुधिराणुओं का निर्माण, DNA का संश्लेषण। | रक्तक्षीणता, धीमी वृद्धि। | |
8 | H-बायाटिन | यीस्ट, गेहूँ, अण्डा, मूँगफली, चाकलेट, सब्जी, फल। | वसीय अम्लों के संश्लेषण एवं ऊर्जा उत्पादन के लिए जरूरी | चर्म रोग, बालों का झड़ना, तन्त्रिका तन्त्र में विकार। | |
एस्कार्विक एसिड | नीबू वंश के फल, टमाटर, सब्जियाँ, आलू व अन्य फल। | अन्तराकोशिकीय सीमट, कालजन, तन्तुओं, हड्डियों के मटिक्स, दाँतों के डेन्टोन का निर्माण। | स्कर्वी रोग। |
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