फ़ैज़ी: Difference between revisions
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फ़ैज़ी की 1595 ई. में उसकी मृत्यु हो गई। | फ़ैज़ी की 1595 ई. में उसकी मृत्यु हो गई। |
Revision as of 09:59, 14 December 2010
फ़ैज़ी, शेख़ मुबारक़ का पुत्र था। वह अबुल फ़ज़ल का बड़ा भाई और अकबर के नवरत्नों में से एक था। उसकी मृत्यु 1595 ई. में हुई।
अकबर से सम्मान
वह श्रेष्ठ कवि और साहित्यकार था। अकबर से वह पहली बार 1567 ई. में मिला। अकबर उसकी विद्वत्ता के सम्बन्ध में पहले ही बहुत कुछ सुन चुका था, अतएव उसने उसकी बड़ी आवभगत की और अपने दरबार में उसे सम्मानित स्थान प्रदान किया। 27 जून 1579 को पहली बार अकबर ने पुलपिट पर खड़े होकर जो ख़ुतबा पढ़ा, उसकी रचना फ़ैज़ी ने ही की थी।
दीन इलाही धर्म
इस प्रकार अकबर ने नये धर्म का प्रवर्तन किया, जो कि दीन इलाही के नाम से विख्यात हुआ।
अकबर का दूत
1591 ई. में अकबर ने फ़ैज़ी को ख़ानदेश और अहमदनगर अपना दूत बनाकर भेजा। वह ख़ानदेश को अधीन करने में सफल हुआ, लेकिन अहमदनगर में उसे सफलता नहीं प्राप्त हुई। इस प्रकार राज दौत्यकर्म में उसे आंशिक सफलता प्राप्त हुई।
मृत्यु
फ़ैज़ी की 1595 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ