खंडवा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('==खंडवा / Khandwa== *मध्य भारत के मध्य प्रदेश राज्य के दक...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 7: Line 7:
*1864 से यह नगर मध्य प्रदेश के नवगठित [[निमाड़]] ज़िले का मुख्यालय रहा।  
*1864 से यह नगर मध्य प्रदेश के नवगठित [[निमाड़]] ज़िले का मुख्यालय रहा।  
*1867 में इसे नगरपालिका बना दिया गया।  
*1867 में इसे नगरपालिका बना दिया गया।  
*प्रमुख सड़क पर बसे और मध्य रेलवे के रेल जंक्शन [[खंडवा]] नगर में कपास, इमारती लकड़ी और अनाज का व्यापार किया जाता है।  
*प्रमुख सड़क पर बसे और मध्य रेलवे के रेल जंक्शन खंडवा नगर में कपास, इमारती लकड़ी और अनाज का व्यापार किया जाता है।  
*कपास की ओटाई, तिलहन व आरा मिलें और अन्य लघु उद्योग यहां के महत्त्वपूर्ण उद्योग हैं।  
*कपास की ओटाई, तिलहन व आरा मिलें और अन्य लघु उद्योग यहां के महत्त्वपूर्ण उद्योग हैं।  
*यहां पर प्रायोगिक रेशम उत्पादन फ़ार्म, सरकारी पालीटेक्निक और सागर स्थित डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय से संबद्ध अनेक महाविद्यालय  हैं।  
*यहां पर प्रायोगिक रेशम उत्पादन फ़ार्म, सरकारी पालीटेक्निक और सागर स्थित डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय से संबद्ध अनेक महाविद्यालय  हैं।  

Revision as of 05:28, 31 March 2010

खंडवा / Khandwa

  • मध्य भारत के मध्य प्रदेश राज्य के दक्षिण–पश्चिमी में स्थित खंडवा नगर है, इसे दक्षिण का 'प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है।
  • उत्तरी भारत से दक्षिण क्षेत्र तक जाने वाले प्रमुख सड़क मार्गों पर स्थित नगर की पहचान यूनानी भूगोल शास्त्री टॉलेमी के 'कोंगनबंदा' शहर से की जाती है।
  • पारंपरिक रूप से कहा जाता है कि यह नगर महाभारत में वर्णित खांडव वन से घिरा है ।
  • 12वीं शताब्दी में यह नगर जैन मत का महत्त्वपूर्ण स्थान था।
  • यह नगर पुरातन नगर है, यहां पाये जाने वाले अवशेषों से यह सिद्ध होता है, इसके चारों ओर चार विशाल तालाब, नक़्क़ाशीदार स्तंभ और जैन मंदिरों के छज्जे स्थित हैं।
  • 1864 से यह नगर मध्य प्रदेश के नवगठित निमाड़ ज़िले का मुख्यालय रहा।
  • 1867 में इसे नगरपालिका बना दिया गया।
  • प्रमुख सड़क पर बसे और मध्य रेलवे के रेल जंक्शन खंडवा नगर में कपास, इमारती लकड़ी और अनाज का व्यापार किया जाता है।
  • कपास की ओटाई, तिलहन व आरा मिलें और अन्य लघु उद्योग यहां के महत्त्वपूर्ण उद्योग हैं।
  • यहां पर प्रायोगिक रेशम उत्पादन फ़ार्म, सरकारी पालीटेक्निक और सागर स्थित डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय से संबद्ध अनेक महाविद्यालय हैं।

2001 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 1,71,976, नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आता है।