दीघनिकाय: Difference between revisions
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Revision as of 12:32, 10 January 2011
गद्य एवं पद्य दोनों में रचित इस निकाय में बौद्ध धर्म के सिद्धान्तों का समर्थन एवं अन्य धर्मो के सिद्धान्तों का खण्डन किया गया है। इस निकाय का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण सुत्त है-
- ‘महापरिनिब्बानसुत्त‘।
इस निकाय में महात्मा बुद्ध के जीवन के आख़िरी जीवन, अन्तिम उपदेशों, मृत्यु तथा अन्त्येष्टि का वर्णन किया गया है।
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