संवेग: Difference between revisions
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जब बन्दूक से गोली छोड़ी जाती है तो वह अत्यधिक वेग से आगे की ओर बढ़ती है, जिससे गोली में आगे की दिशा में संवेग उत्पन्न हो जाता है। गोली भी बन्दूक को प्रतिक्रिया बल के कारण पीछे की ओर ढकेलती है, जिससे उसमें पीछे की ओर संवेग उत्पन्न जाता है। चूँकि बन्दूक का द्रव्यमान गोली से अधिक होता है, जिससे बन्दूक के पीछे हटने का वेग गोली के वेग से बहुत कम होता है। यदि दो एकसमान गोलियाँ भारी तथा हल्की बन्दूकों से अलग–अलग दागी जाएँ तो हल्की बन्दूक अधिक वेग से पीछे की ओर हटेगी, जिससे चोट लगने की सम्भावना अधिक होती है। रॉकेट के ऊपर जाने का सिद्धान्त भी संवेग संरक्षण पर आधारित होता है। रॉकेट से गैसें अत्यधिक वेग से पीछे की ओर निकलती हैं तथा रॉकेट को ऊपर उठाने के लिए आवश्यक संवेग प्रदान करती हैं। | जब बन्दूक से गोली छोड़ी जाती है तो वह अत्यधिक वेग से आगे की ओर बढ़ती है, जिससे गोली में आगे की दिशा में संवेग उत्पन्न हो जाता है। गोली भी बन्दूक को प्रतिक्रिया बल के कारण पीछे की ओर ढकेलती है, जिससे उसमें पीछे की ओर संवेग उत्पन्न जाता है। चूँकि बन्दूक का द्रव्यमान गोली से अधिक होता है, जिससे बन्दूक के पीछे हटने का वेग गोली के वेग से बहुत कम होता है। यदि दो एकसमान गोलियाँ भारी तथा हल्की बन्दूकों से अलग–अलग दागी जाएँ तो हल्की बन्दूक अधिक वेग से पीछे की ओर हटेगी, जिससे चोट लगने की सम्भावना अधिक होती है। रॉकेट के ऊपर जाने का सिद्धान्त भी संवेग संरक्षण पर आधारित होता है। रॉकेट से गैसें अत्यधिक वेग से पीछे की ओर निकलती हैं तथा रॉकेट को ऊपर उठाने के लिए आवश्यक संवेग प्रदान करती हैं। | ||
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Revision as of 13:47, 10 January 2011
(अंग्रेज़ी:Momentum) किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल को वस्तु का संवेग कहते हैं। संवेग सदिश राशि है। इसकी दिशा वेग की ही दिशा में होती है। इसे से Failed to parse (SVG (MathML can be enabled via browser plugin): Invalid response ("Math extension cannot connect to Restbase.") from server "https://api.formulasearchengine.com/v1/":): {\mathbf {p}} प्रदर्शित करते हैं। यदि किसी वस्तु का वेग Failed to parse (SVG (MathML can be enabled via browser plugin): Invalid response ("Math extension cannot connect to Restbase.") from server "https://api.formulasearchengine.com/v1/":): {\mathbf {v}} हो, तो—
संवेग = द्रव्यमान × वेग
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इसका मात्रक किग्रा–मीटर/सेकेण्ड या (न्यूटन–सेकेण्ड) है।
संवेग संरक्षण का सिद्धान्त
संवेग संरक्षण के नियमानुसार एक या एक से अधिक वस्तुओं के निकाय का संवेग तब तक अपरिवर्तित रहता है, जब तक वस्तु या वस्तुओं के निकाय पर कोई बाह्य बल आरोपित न हो। अर्थात् एक वस्तु में जितना संवेग परिवर्तन होता है, दूसरे में भी उतना ही संवेग परिवर्तन विपरीत दिशा में हो जाता है। जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है, तो उसका वेग बढ़ता जाता है, जिससे उसका संवेग भी बढ़ता जाता है। वस्तु भी पृथ्वी को ऊपर की खींचती है, जिससे पृथ्वी का भी ऊपर की ओर संवेग उसी दर से बढ़ता जाता है। इस प्रकार (पृथ्वी + वस्तु) का संवेग संरक्षित रहता है। चूँकि पृथ्वी का द्रव्यमान वस्तु की अपेक्षा बहुत अधिक होता है, अतः पृथ्वी में उत्पन्न वेग उपेक्षणीय होता है। जब बन्दूक से गोली छोड़ी जाती है तो वह अत्यधिक वेग से आगे की ओर बढ़ती है, जिससे गोली में आगे की दिशा में संवेग उत्पन्न हो जाता है। गोली भी बन्दूक को प्रतिक्रिया बल के कारण पीछे की ओर ढकेलती है, जिससे उसमें पीछे की ओर संवेग उत्पन्न जाता है। चूँकि बन्दूक का द्रव्यमान गोली से अधिक होता है, जिससे बन्दूक के पीछे हटने का वेग गोली के वेग से बहुत कम होता है। यदि दो एकसमान गोलियाँ भारी तथा हल्की बन्दूकों से अलग–अलग दागी जाएँ तो हल्की बन्दूक अधिक वेग से पीछे की ओर हटेगी, जिससे चोट लगने की सम्भावना अधिक होती है। रॉकेट के ऊपर जाने का सिद्धान्त भी संवेग संरक्षण पर आधारित होता है। रॉकेट से गैसें अत्यधिक वेग से पीछे की ओर निकलती हैं तथा रॉकेट को ऊपर उठाने के लिए आवश्यक संवेग प्रदान करती हैं।
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