कुल्लू: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 39: Line 39:
कुल्लू (भूतपूर्व सुल्तानपुर), मध्य [[हिमाचल प्रदेश]], उत्तरी भारत में राजधानी [[शिमला]] से 240 किलोमीटर दूर [[व्यास नदी]] के तट पर स्थित है। कुल्लू हिमाचल प्रदेश में बसा एक ख़ूबसूरत पर्यटन स्‍थल है। कुल्लू की ख़ूबसूरती और हरियाली बरसों से पर्यटकों को अपनी ओर खींचती आई है। कुल्लू विज नदी के किनारे बसा हुआ है, यह स्‍थान अपने यहाँ मनाए जाने वाले रंगबिरंगे दशहरा के लिए प्रसिद्ध है।
कुल्लू (भूतपूर्व सुल्तानपुर), मध्य [[हिमाचल प्रदेश]], उत्तरी भारत में राजधानी [[शिमला]] से 240 किलोमीटर दूर [[व्यास नदी]] के तट पर स्थित है। कुल्लू हिमाचल प्रदेश में बसा एक ख़ूबसूरत पर्यटन स्‍थल है। कुल्लू की ख़ूबसूरती और हरियाली बरसों से पर्यटकों को अपनी ओर खींचती आई है। कुल्लू विज नदी के किनारे बसा हुआ है, यह स्‍थान अपने यहाँ मनाए जाने वाले रंगबिरंगे दशहरा के लिए प्रसिद्ध है।
==इतिहास==
==इतिहास==
कुल्लू मध्यकालीन समय में राजपूत राजाओं के शक्तिशाली राज्य का एक हिस्सा था। कुल्लू अपने दशहरे के त्योहार के लिए प्रसिद्ध है। 17वीं शताब्‍दी में निर्मित रघुनाथजी का मंदिर भी कुल्लू में है जो [[हिंदू धर्म|हिंदुओं]] का प्रमुख तीर्थ स्‍थान है। [[चित्र:Apple-Garden.jpg|thumb|left|250px|सेब बगीचा<br />Apple Garden]] कुल्लू का प्राचीन नाम कुलंतपीठ था। यह जगह सिल्‍वर वैली के नाम से मशहूर है। कुल्लू केवल सांस्‍कृतिक और धार्मिक गतिविधियों के लिए ही नहीं बल्कि एडवेंचर स्‍पोर्ट के लिए भी प्रसिद्ध है। इस शहर को
कुल्लू मध्यकालीन समय में राजपूत राजाओं के शक्तिशाली राज्य का एक हिस्सा था। कुल्लू अपने दशहरे के त्योहार के लिए प्रसिद्ध है। 17वीं शताब्‍दी में निर्मित रघुनाथजी का मंदिर भी कुल्लू में है जो [[हिंदू धर्म|हिंदुओं]] का प्रमुख तीर्थ स्‍थान है। [[चित्र:Apple-Garden.jpg|thumb|left|250px|सेब बगीचा<br />Apple Garden]] कुल्लू का प्राचीन नाम कुलंतपीठ था। यह जगह सिल्‍वर वैली के नाम से मशहूर है। कुल्लू केवल सांस्‍कृतिक और धार्मिक गतिविधियों के लिए ही नहीं बल्कि एडवेंचर स्‍पोर्ट के लिए भी प्रसिद्ध है।


==यातायात और परिवहन==
==यातायात और परिवहन==

Revision as of 06:31, 3 February 2011

कुल्लू
विवरण कुल्लू (भूतपूर्व सुल्तानपुर), मध्य हिमाचल प्रदेश, उत्तरी भारत में राजधानी शिमला से 240 किलोमीटर दूर व्यास नदी के तट पर स्थित है। कुल्लू हिमाचल प्रदेश में बसा एक ख़ूबसूरत पर्यटन स्‍थल है।
राज्य हिमाचल प्रदेश
ज़िला कुल्लू ज़िला
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 31.97°, पूर्व- 77.10°
मार्ग स्थिति राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या– 21 द्वारा अंबाला, चंडीगढ़, बिलासपुर, मंडी होते हुए या पठानकोट, पालमपुर, योगेंद्र नगर और मंडी से दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला आदि होते हुए भी कुल्लू पहुँचा जा सकता हैं।
प्रसिद्धि कुल्लू अपने दशहरे के त्योहार के लिए प्रसिद्ध है।
कब जाएँ मई से अक्टूबर
कैसे पहुँचें हवाई जहाज, रेल, बस, टैक्सी
हवाई अड्डा नज़दीकी भुंटार हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन नज़दीकी रेलवे स्टेशन कालका, चंडीगढ़ और पठानकोट
बस अड्डा कुल्लू बस अड्डा
क्या देखें कुल्लू पर्यटन
कहाँ ठहरें होटल, अतिथि-ग्रह, धर्मशाला
क्या ख़रीदें शॉल, टोपी, हस्तशिल्प वस्तुएँ
एस.टी.डी. कोड 01902
ए.टी.एम लगभग सभी
चित्र:Map-icon.gif गूगल मानचित्र
अद्यतन‎

कुल्लू (भूतपूर्व सुल्तानपुर), मध्य हिमाचल प्रदेश, उत्तरी भारत में राजधानी शिमला से 240 किलोमीटर दूर व्यास नदी के तट पर स्थित है। कुल्लू हिमाचल प्रदेश में बसा एक ख़ूबसूरत पर्यटन स्‍थल है। कुल्लू की ख़ूबसूरती और हरियाली बरसों से पर्यटकों को अपनी ओर खींचती आई है। कुल्लू विज नदी के किनारे बसा हुआ है, यह स्‍थान अपने यहाँ मनाए जाने वाले रंगबिरंगे दशहरा के लिए प्रसिद्ध है।

इतिहास

कुल्लू मध्यकालीन समय में राजपूत राजाओं के शक्तिशाली राज्य का एक हिस्सा था। कुल्लू अपने दशहरे के त्योहार के लिए प्रसिद्ध है। 17वीं शताब्‍दी में निर्मित रघुनाथजी का मंदिर भी कुल्लू में है जो हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्‍थान है। thumb|left|250px|सेब बगीचा
Apple Garden
कुल्लू का प्राचीन नाम कुलंतपीठ था। यह जगह सिल्‍वर वैली के नाम से मशहूर है। कुल्लू केवल सांस्‍कृतिक और धार्मिक गतिविधियों के लिए ही नहीं बल्कि एडवेंचर स्‍पोर्ट के लिए भी प्रसिद्ध है।

यातायात और परिवहन

कुल्लू शिमला से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा है।

हवाई मार्ग

हवाई जहाज के द्वारा कुल्लू के पास तक जाया जा सकता है। सप्ताह में तीन दिन शिमला से जैगसन एयरवेज की उड़ानें कुल्लू के निकटतम (10 किलोमीटर दूर) मुंतर हवाई अड्डा के लिए हैं। मुंतर से कुल्लू तक की दूरी टैक्सी वगैरह द्वारा तय की जा सकती है।

रेल मार्ग

रेल मार्ग द्वारा कुल्लू जाना हो तो कालका–शिमला रेलमार्ग से शिमला तक और वहाँ से बस या टैक्सी द्वारा कुल्लू पहुँचा जा सकता है। इसके अतिरिक्त एक और रेलमार्ग पठानकोट से योगेंद्र नगर तक का है। कुल्लू की दूरी योगेंद्र नगर से भी बस या टैक्सी द्वारा तय की जा सकती है।

सड़क मार्ग

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या– 21 द्वारा अंबाला, चंडीगढ़, बिलासपुर, मंडी होते हुए या पठानकोट, पालमपुर, योगेंद्र नगर और मंडी से दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला आदि होते हुए भी कुल्लू पहुँचा जा सकता हैं।

कृषि और खनिज

यह एक कृषि व्यापार केंन्द्र है। चाय, फल, गेहूँ, जौ और अन्य फ़सलें आसपास के क्षेत्र में उगाई जाती हैं, जिसका अधिकांश हिस्सा वनाच्छादित है। thumb|left|250px|कुल्लू का एक दृश्य
A View Of Kullu

उद्योग और व्यापार

हथकरघा बुनाई कुल्लू का सबसे महत्त्वपूर्ण उद्योग है, जिसके अंतर्गत कुल्लू में टोपी, शॉल, रूमाल और गुलूबंद का निर्माण होता है।

पर्यटन

इस पर्यटन–स्थल को देखकर ऐसा लगता है कि ईश्वर ने इसे प्राकृतिक सौंदर्य मुक्त हस्त से दिया है। अपने कर्णप्रिय स्वर से घाटियों में संगीत घोलते झरनों, छोटी–मोटी वादियों, हरे–भरे मैदानों, चरागाहां, सेब के बागों आदि के कारण कुल्लू का आकर्षण कई गुना बढ़ जाता है।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 18,306 है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख