भारत के पुष्प: Difference between revisions

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Revision as of 07:15, 18 February 2011

thumb|250px|पुष्प
Flowers
पुष्प को मनुष्य के द्वारा सजावट और औषधि के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसके अलावा घरों और कार्यालयों को सजाने में भी इनका उपयोग बहुतायत से होता है। भारत में पुष्प की खेती एक लंबे अरसे से होती रही है, लेकिन आर्थिक रूप से लाभदायक एक व्यवसाय के रूप में पुष्पों का उत्पादन पिछले कुछ सालों से ही प्रारंभ हुआ है। समकालिक पुष्प जैसे गुलाब, कमल ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, कार्नेशन आदि के बढ़ते उत्पादन के कारण गुलदस्ते और उपहारों के स्वरूप देने में इनका उपयोग काफ़ी बढ़ा है। मध्यम वर्ग के जीवनस्तर में सुधार और आर्थिक संपन्नता के कारण पुष्प बाज़ार के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया और फूलों की खेती को एक विशाल बाज़ार का स्वरूप प्रदान कर दिया है। भारत ने पुष्प उत्पादन में उल्लेखनीय प्रगति की है। देश के लगभग 1.14 लाख हेक्टेयर भूमि पर पुष्प कृषि की जाती है। देश में 6,70,000 मैट्रिक टन फूलों का उत्पादन होता है इसके अलावा 13,009.3 मिलियन काटे गए फूलों का उत्पादन होता है।

बागवानी

बागवानी पुष्‍पों को पूरी तरह उगाने की कला और जानकारी है। तमिलनाडु में गुलाब उगाए जाते है। इस राज्‍य में एडवर्ड रोज तथा आंध्र प्रदेश रेड रोज़ दो गुलाबों की प्रजातियाँ मैदानों में उगाई जाती है। उत्तरी राज्‍यों की तुलना में दक्षिणी राज्‍यों में पुष्‍पों का उपयोग कहीं अधिक हैं। पुष्‍प विक्रेताओं, पुष्‍प किराएदारों, इन उद्योग द्वारा तथा हार के रूप में पुष्‍पों का इस्‍तेमाल किया जाता है। जिन केंद्रों पर जहाँ आधुनिक फूलों की मांग है, वे मुंबई, पुणे, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ तथा कोलकाता हैं।


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