डंडास हेनरी: Difference between revisions
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Revision as of 10:33, 15 March 2011
- डंडास हेनरी पिट के इंडिया एक्ट (1784 ई.) के अंतर्गत स्थापित बोर्ड ऑफ़ कण्ट्रोल का प्रथम अध्यक्ष था।
- 1786 ई. में डंडास हेनरी ने वारेन हेस्टिंग्स द्वारा संचालित रोहिल्ला युद्ध को पार्लियामेंट में उचित ठहराया था, लेकिन बाद में उसने वारेन हेस्टिंग्स पर चलाये गये महाभियोग का समर्थन किया। विशेषतया बनारस के राजा चेतसिंह तथा अवध की बेग़मों के मामलों में उसने वारेन हेस्टिंग्स की कटू आलोचना की।
- 1802 ई. में डंडास हेनरी को लार्ड मेलविले बना दिया गया।
- 1806 ई. में स्वयं डंडास हेनरी पर सार्वजनिक जल के घोटाले और कर्तव्य अवहेलना का आरोप लगाकर महाभियोग चलाया गया। लेकिन वह इस मामले में बरी कर दिया गया।
- बोर्ड ऑफ़ कण्ट्रोल में अध्यक्ष की हैसियत से उसने बड़ी योग्यता तथा प्रशासनिक कुशलता का परिचय दिया।
- डंडास हेनरी ने बोर्ड ऑफ़ कण्ट्रोल को वस्तुत: एक सरकारी विभाग का रूप दे दिया और उसके अध्यक्ष के पद को भारत मंत्री के पद का समकक्ष बना दिया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
(पुस्तक 'भारतीय इतिहोस कोश') पृष्ठ संख्या-179