अब्दुर्रज्जाक लारी: Difference between revisions
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*अब्दुर्रज्जाक लारी [[गोलकुंडा]] के आख़िरी सुल्तान का दरबारी और सिपहसलार था। | *अब्दुर्रज्जाक लारी [[गोलकुंडा]] के आख़िरी सुल्तान का दरबारी और सिपहसलार था। | ||
*1687 ई. में जब [[औरंगज़ेब]] ने गोलकुंडा पर अन्तिम आक्रमण किया, तो उसने अब्दुर्रज्जाक को अनेक लालच दिये, वह पर न डिगा और बहादुरी से गोलकुंडा की रक्षा करते हुए उसके 70 घाव लगे। | *1687 ई. में जब [[औरंगज़ेब]] ने [[गोलकुंडा]] पर अन्तिम आक्रमण किया, तो उसने अब्दुर्रज्जाक को अनेक लालच दिये, वह पर न डिगा और बहादुरी से गोलकुंडा की रक्षा करते हुए उसके 70 घाव लगे। | ||
*इसके बाद में औरंगज़ेब ने उसका इलाज कराया और उसे [[मुग़ल]] दरबार में ऊँचा पद प्रदान किया। | *इसके बाद में औरंगज़ेब ने उसका इलाज कराया और उसे [[मुग़ल]] दरबार में ऊँचा पद प्रदान किया। | ||
Revision as of 07:52, 24 March 2011
- अब्दुर्रज्जाक लारी गोलकुंडा के आख़िरी सुल्तान का दरबारी और सिपहसलार था।
- 1687 ई. में जब औरंगज़ेब ने गोलकुंडा पर अन्तिम आक्रमण किया, तो उसने अब्दुर्रज्जाक को अनेक लालच दिये, वह पर न डिगा और बहादुरी से गोलकुंडा की रक्षा करते हुए उसके 70 घाव लगे।
- इसके बाद में औरंगज़ेब ने उसका इलाज कराया और उसे मुग़ल दरबार में ऊँचा पद प्रदान किया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ