दंडी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('*दंडी संस्कृत के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। *दंडी के ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 17: Line 17:
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
[[Category:नया पन्ना]]
{{संस्कृत साहित्यकार}}
 
[[Category:साहित्यकार]]
[[Category:संस्कृत साहित्यकार]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 08:20, 4 May 2011

  • दंडी संस्कृत के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।
  • दंडी के जीवन के सम्बन्ध में प्रामाणिक सूचनाओं का बहुत अभाव है। कोई उन्हें सातवीं शती के उत्तरार्ध या आठवीं शती के आरम्भ का मानता है तो कोई इनका जन्म 550 और 650 ई. के बीच मानता है।

रचनाएँ

दंडी की की तीन रचनाएँ प्रसिद्ध हैं-‘काव्यादर्श’, ‘दशकुमार चरित’ और ‘मृच्छकटिक’। ‘दशकुमार चरित’ गद्यकाव्य है। इसमें दस कुमारों ने अपनी-अपनी यात्राओं के विचित्र अनुभवों तथा पराक्रमों का मनोरंजक वर्णन किया है। विनोद और व्यंग्य के माध्यम से इसमें तत्कालीन समाज का भी चित्रण किया गया है। दशकुमार रचना को दंडी की प्रारम्भिक रचना माना जाता है। लेकिन इसी के बल पर दंडी को संस्कृत का पहला गद्यकार भी कहा जाता है। ‘काव्यादर्श’ दंडी की प्रौढ़ावस्था की रचना है



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ