सीताबेंगरा गुफ़ा: Difference between revisions

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'''सीताबेंगरा अथवा सीतामढ़'''


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==इतिहास==
==इतिहास==
रामगढ़ शैलाश्रय के अंतर्गत सीताबेंगरा गुहाश्रय के अन्दर लिपिबद्ध अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर इस नाट्यशाला का निर्माण लगभग दूसरी-तीसरी शताब्दी ई. पूर्व होने की बात इतिहासकारों एवं पुरात्त्वविदों ने समवेत स्वर में स्वीकार की है। सीताबेंगरा के [[ब्राह्यी लिपि]] में लिखे हुए अभिलेख का आशय है।  
रामगढ़ शैलाश्रय के अंतर्गत सीताबेंगरा गुहाश्रय के अन्दर लिपिबद्ध अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर इस नाट्यशाला का निर्माण लगभग दूसरी-तीसरी शताब्दी ई. पूर्व होने की बात इतिहासकारों एवं पुरात्त्वविदों ने समवेत स्वर में स्वीकार की है। सीताबेंगरा के [[ब्राह्मी लिपि]] में लिखे हुए अभिलेख का आशय है।  


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Revision as of 07:56, 10 July 2011

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सीताबेंगरा अथवा सीतामढ़

छत्तीसगढ़ राज्य के रामगढ़ के शैलाप्रयों में स्थित सीताबेंगरा नामक गुफ़ा नाट्यशाला के लिए प्रसिद्ध है।

इतिहास

रामगढ़ शैलाश्रय के अंतर्गत सीताबेंगरा गुहाश्रय के अन्दर लिपिबद्ध अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर इस नाट्यशाला का निर्माण लगभग दूसरी-तीसरी शताब्दी ई. पूर्व होने की बात इतिहासकारों एवं पुरात्त्वविदों ने समवेत स्वर में स्वीकार की है। सीताबेंगरा के ब्राह्मी लिपि में लिखे हुए अभिलेख का आशय है।

ह्रदय को देदीप्यमान करते हैं स्वभाव से महान ऐसे कविगण
रात्रि में वासंती से दूर हास्य एवं विनोद में अपने
को भुलाकर चमेली के फूलों की माला का आलिंगन करता है।

दूसरे शब्दों में यह रचनाकार की परिकल्पना है कि 'मनुष्य कोलाहल से दूर एकांत रात्रि में नृत्य, संगीत, हास्य-परिहास की दुनिया में स्वीकार स्वर्गिक आनन्द में आलिप्त हो। भीनी-भीनी खुशबू से मोहित हो, फूलों से आलिंगन करता हो।'

बनावट

सीताबेंगरा की लम्बाई 45 फुट एवं चौड़ाई 15 फुट तथा ऊँचाई 6 फुट है। पर्वतीय चट्टानों के काटकर उत्तरमुखी अर्द्धवृत्ताकार गुफा बनाई गई है। इसकी दीवारें बिल्कुल सीधी है। दूसरा प्रवेशद्वार गोलाकार है। इसमें सीढ़ीदार दर्शक दीर्घा गैलरीनुमा ऊपर से नीचे की और अर्द्धाकार स्वरूप में चट्टान को इस तरह काटा गया है कि दर्शक-दीर्घा में बैठकर आराम से कार्यक्रमों को देखा जा सके।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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