रायगढ़ महाराष्ट्र: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - "काफी" to "काफ़ी")
Line 3: Line 3:
रायगढ़ पश्चिमी भारत का ऐतिहासिक क्षेत्र है। यह [[मुंबई]] (भूतपूर्व बंबई) के ठीक दक्षिण में [[महाराष्ट्र]] में स्थित है। यह कोंकण समुद्रतटीय मैदान का हिस्सा है, इसका क्षेत्र लहरदार और आड़ी-तिरछी पहाड़ियों वाला है, जो पश्चिमी घाट (पूर्व) की सह्याद्रि पहाड़ियों की खड़ी ढलुआ कगारों से [[अरब सागर]] (पश्चिम) के ऊँचे किनारों तक पहुँचता है।
रायगढ़ पश्चिमी भारत का ऐतिहासिक क्षेत्र है। यह [[मुंबई]] (भूतपूर्व बंबई) के ठीक दक्षिण में [[महाराष्ट्र]] में स्थित है। यह कोंकण समुद्रतटीय मैदान का हिस्सा है, इसका क्षेत्र लहरदार और आड़ी-तिरछी पहाड़ियों वाला है, जो पश्चिमी घाट (पूर्व) की सह्याद्रि पहाड़ियों की खड़ी ढलुआ कगारों से [[अरब सागर]] (पश्चिम) के ऊँचे किनारों तक पहुँचता है।
==इतिहास==
==इतिहास==
1662 ई0 में [[शिवाजी]] तथा [[बीजापुर]] के सुल्तान में काफी संघर्ष के पश्चात संधि हुई थी जिससे शिवाजी ने अपना जीता हुआ सारा प्रदेश प्राप्त कर लिया था। इस संधि के लिए शिवाजी के पिता कई वर्ष पश्चात पुत्र से मिलने आए थे। शिवाजी ने उन्हें अपना जीता हुआ समस्त प्रांत दिखाया। उस समय शाहजी के सुझाव को मानकर रैरी पहाड़ी के उल्ल श्रृंग पर शिवाजी ने रायगढ़ को बसाने का इरादा किया था। समाधि भी रायगढ़ में ही है। यहाँ उन्होंने एक किला तथा प्रासाद बनवाया और वे यहीं निवास करने लगे। इस प्रकार शिवाजी के राज्य की राजधानी रायगढ़ में ही स्थापित हुई। रायगढ़ चारों ओर से सह्यद्रि की अनेक पर्वत मालाओं से घिरा हुआ था और उसके उल्ल श्रृंग दूर से दिखाई देते थे।  
1662 ई0 में [[शिवाजी]] तथा [[बीजापुर]] के सुल्तान में काफ़ी संघर्ष के पश्चात संधि हुई थी जिससे शिवाजी ने अपना जीता हुआ सारा प्रदेश प्राप्त कर लिया था। इस संधि के लिए शिवाजी के पिता कई वर्ष पश्चात पुत्र से मिलने आए थे। शिवाजी ने उन्हें अपना जीता हुआ समस्त प्रांत दिखाया। उस समय शाहजी के सुझाव को मानकर रैरी पहाड़ी के उल्ल श्रृंग पर शिवाजी ने रायगढ़ को बसाने का इरादा किया था। समाधि भी रायगढ़ में ही है। यहाँ उन्होंने एक किला तथा प्रासाद बनवाया और वे यहीं निवास करने लगे। इस प्रकार शिवाजी के राज्य की राजधानी रायगढ़ में ही स्थापित हुई। रायगढ़ चारों ओर से सह्यद्रि की अनेक पर्वत मालाओं से घिरा हुआ था और उसके उल्ल श्रृंग दूर से दिखाई देते थे।  
महाकवि भूषण ने रायगढ़ के विषय में लिखा है - 'दच्छिन के सब दुग्ग जिति दुग्ग सहार विलास सिव सेवक सिव गढ़ पती कियो रायगढ़ वास, तँह नृप राजधानी करी, जीति सकल तुरकान, सिव सरजा रुचि दान में, कीन्हों सुजस जहान'। शिवराज भूषण में  छंद 15 से छंद 24 तक रायगढ़ के वैभव-विलास का विस्तृत वर्णन है। छंद 15 ('वारि पताल सो माची मही अमरावती की छबि ऊपर छाजें) से यह भी ज्ञात होता है कि रायगढ़ के दुर्ग की पानी से भरी हुई एक बहुत गहरी खाई भी थी।  
महाकवि भूषण ने रायगढ़ के विषय में लिखा है - 'दच्छिन के सब दुग्ग जिति दुग्ग सहार विलास सिव सेवक सिव गढ़ पती कियो रायगढ़ वास, तँह नृप राजधानी करी, जीति सकल तुरकान, सिव सरजा रुचि दान में, कीन्हों सुजस जहान'। शिवराज भूषण में  छंद 15 से छंद 24 तक रायगढ़ के वैभव-विलास का विस्तृत वर्णन है। छंद 15 ('वारि पताल सो माची मही अमरावती की छबि ऊपर छाजें) से यह भी ज्ञात होता है कि रायगढ़ के दुर्ग की पानी से भरी हुई एक बहुत गहरी खाई भी थी।  
==राज्याभिषेक==
==राज्याभिषेक==

Revision as of 13:50, 6 May 2010

रायगढ़ (महाराष्ट्र) / Raygarh (Maharashtra)

रायगढ़ पश्चिमी भारत का ऐतिहासिक क्षेत्र है। यह मुंबई (भूतपूर्व बंबई) के ठीक दक्षिण में महाराष्ट्र में स्थित है। यह कोंकण समुद्रतटीय मैदान का हिस्सा है, इसका क्षेत्र लहरदार और आड़ी-तिरछी पहाड़ियों वाला है, जो पश्चिमी घाट (पूर्व) की सह्याद्रि पहाड़ियों की खड़ी ढलुआ कगारों से अरब सागर (पश्चिम) के ऊँचे किनारों तक पहुँचता है।

इतिहास

1662 ई0 में शिवाजी तथा बीजापुर के सुल्तान में काफ़ी संघर्ष के पश्चात संधि हुई थी जिससे शिवाजी ने अपना जीता हुआ सारा प्रदेश प्राप्त कर लिया था। इस संधि के लिए शिवाजी के पिता कई वर्ष पश्चात पुत्र से मिलने आए थे। शिवाजी ने उन्हें अपना जीता हुआ समस्त प्रांत दिखाया। उस समय शाहजी के सुझाव को मानकर रैरी पहाड़ी के उल्ल श्रृंग पर शिवाजी ने रायगढ़ को बसाने का इरादा किया था। समाधि भी रायगढ़ में ही है। यहाँ उन्होंने एक किला तथा प्रासाद बनवाया और वे यहीं निवास करने लगे। इस प्रकार शिवाजी के राज्य की राजधानी रायगढ़ में ही स्थापित हुई। रायगढ़ चारों ओर से सह्यद्रि की अनेक पर्वत मालाओं से घिरा हुआ था और उसके उल्ल श्रृंग दूर से दिखाई देते थे। महाकवि भूषण ने रायगढ़ के विषय में लिखा है - 'दच्छिन के सब दुग्ग जिति दुग्ग सहार विलास सिव सेवक सिव गढ़ पती कियो रायगढ़ वास, तँह नृप राजधानी करी, जीति सकल तुरकान, सिव सरजा रुचि दान में, कीन्हों सुजस जहान'। शिवराज भूषण में छंद 15 से छंद 24 तक रायगढ़ के वैभव-विलास का विस्तृत वर्णन है। छंद 15 ('वारि पताल सो माची मही अमरावती की छबि ऊपर छाजें) से यह भी ज्ञात होता है कि रायगढ़ के दुर्ग की पानी से भरी हुई एक बहुत गहरी खाई भी थी।

राज्याभिषेक

शिवाजी का राज्याभिषेक रायगढ़ में, 6 जून, 1674 ई0 को हुआ था। काशी के प्रसिद्ध विद्वान गंगाभट्ट इस समारोह के आचार्य थे। उपरान्त 1689-90 ई0 में औरंगज़ेब ने इस पर अधिकार कर लिया।

कृषि और खनिज

तटवर्ती कगार बरसाती नदी-घाटियों द्वारा विभक्त हैं, जो इस इलाक़े की अधिकांश कृषि में सहायक हैं। चावल और नारियल यहाँ की प्रमुख फ़सलें हैं और मछली पकड़ना और नमक बनाना महत्वपूर्ण समुद्रतटीय उद्यम हैं।

उद्योग और व्यापार

तीसरी शताब्दी ई॰ पू॰ के आरम्भ से ही कोंकण तट के रायगढ़ क्षेत्र का रोम के साथ व्यापार स्थापित हो गया था। काग़ज़ की लुगदी, रसायन और इंजीनियरिंग का काम यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं। खोपोली और पनवल प्रमुख औद्योगिक केन्द्र हैं।

जनसंख्या

20वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में यहाँ की एक बड़ी जनसंख्या बंबई (मुंबई) प्रवास कर गई और इस इलाक़े के उत्तरी भाग का तेज़ी से औद्योगिक विकास हुआ। अलीबाग़ यहाँ का प्रमुख शहर है। रायगढ़ ज़िला की कुल जनसंख्या (2001) 22,05,972 है।

पर्यटन

यहाँ के पाल, कुडा, कोन्नन और अंबीवली में अनेक प्राचीन बौद्ध गुफ़ा मन्दिर और ऐलिफ़ेंटा द्वीप में शैव गुफ़ाएँ हैं। विख्यात सैरगाह और रायगढ़ (राजा का दुर्ग) का क़िला यहाँ स्थित हैं।

समाधि

शिवाजी की समाधि भी रायगढ़ में ही है।