दंडी: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) m (Adding category Category:साहित्य कोश (Redirect Category:साहित्य कोश resolved) (को हटा दिया गया हैं।)) |
No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
*दंडी के जीवन के सम्बन्ध में प्रामाणिक सूचनाओं का बहुत अभाव है। कोई उन्हें सातवीं शती के उत्तरार्ध या आठवीं शती के आरम्भ का मानता है तो कोई इनका जन्म 550 और 650 ई. के बीच मानता है। | *दंडी के जीवन के सम्बन्ध में प्रामाणिक सूचनाओं का बहुत अभाव है। कोई उन्हें सातवीं शती के उत्तरार्ध या आठवीं शती के आरम्भ का मानता है तो कोई इनका जन्म 550 और 650 ई. के बीच मानता है। | ||
==रचनाएँ== | ==रचनाएँ== | ||
दंडी की की तीन रचनाएँ प्रसिद्ध हैं-‘काव्यादर्श’, | दंडी की की तीन रचनाएँ प्रसिद्ध हैं-‘काव्यादर्श’, ‘[[दशकुमार चरित]]’ और ‘मृच्छकटिक’। ‘दशकुमार चरित’ गद्यकाव्य है। इसमें दस कुमारों ने अपनी-अपनी यात्राओं के विचित्र अनुभवों तथा पराक्रमों का मनोरंजक वर्णन किया है। विनोद और व्यंग्य के माध्यम से इसमें तत्कालीन समाज का भी चित्रण किया गया है। दशकुमार रचना को दंडी की प्रारम्भिक रचना माना जाता है। लेकिन इसी के बल पर दंडी को संस्कृत का पहला गद्यकार भी कहा जाता है। | ||
‘काव्यादर्श’ दंडी की प्रौढ़ावस्था की रचना है | ‘काव्यादर्श’ दंडी की प्रौढ़ावस्था की रचना है | ||
Revision as of 08:30, 17 September 2011
- दंडी संस्कृत के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।
- दंडी के जीवन के सम्बन्ध में प्रामाणिक सूचनाओं का बहुत अभाव है। कोई उन्हें सातवीं शती के उत्तरार्ध या आठवीं शती के आरम्भ का मानता है तो कोई इनका जन्म 550 और 650 ई. के बीच मानता है।
रचनाएँ
दंडी की की तीन रचनाएँ प्रसिद्ध हैं-‘काव्यादर्श’, ‘दशकुमार चरित’ और ‘मृच्छकटिक’। ‘दशकुमार चरित’ गद्यकाव्य है। इसमें दस कुमारों ने अपनी-अपनी यात्राओं के विचित्र अनुभवों तथा पराक्रमों का मनोरंजक वर्णन किया है। विनोद और व्यंग्य के माध्यम से इसमें तत्कालीन समाज का भी चित्रण किया गया है। दशकुमार रचना को दंडी की प्रारम्भिक रचना माना जाता है। लेकिन इसी के बल पर दंडी को संस्कृत का पहला गद्यकार भी कहा जाता है। ‘काव्यादर्श’ दंडी की प्रौढ़ावस्था की रचना है
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
लीलाधर, शर्मा भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, 369।