आसवन विधि: Difference between revisions
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([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Distillation) [[द्रव]] को गर्म करके वाष्प बनाना और फिर उस वाष्प को ठंडा करके द्रव के रूप में लाने की विधि को आसवन कहा जाता है। आसवन विधि द्वारा मुख्यतः द्रवों के [[मिश्रण]] को पृथक् किया जाता है। [[रसायन विज्ञान]] में जब दो द्रवों के [[क्वथनांक|क्वथनांकों]] में अन्तर अधिक होता है, तो उसके मिश्रण को आसवन विधि से पृथक करते हैं। आवसन विधि में द्रव को वाष्प में परिणत कर किसी दूसरे स्थान में भेजा जाता है, जहाँ उसे ठंडा कर पुनः द्रव अवस्था में परिवर्तित कर लिया जाता है। | ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Distillation) [[द्रव]] को गर्म करके वाष्प बनाना और फिर उस वाष्प को ठंडा करके द्रव के रूप में लाने की विधि को आसवन कहा जाता है। आसवन विधि द्वारा मुख्यतः द्रवों के [[मिश्रण]] को पृथक् किया जाता है। [[रसायन विज्ञान]] में जब दो द्रवों के [[क्वथनांक|क्वथनांकों]] में अन्तर अधिक होता है, तो उसके [[मिश्रण]] को आसवन विधि से पृथक करते हैं। आवसन विधि में द्रव को वाष्प में परिणत कर किसी दूसरे स्थान में भेजा जाता है, जहाँ उसे ठंडा कर पुनः द्रव अवस्था में परिवर्तित कर लिया जाता है। आसवन का प्रथम भाग [[वाष्पीकरण]] एवं दूसरा भाग संघनन कहलाता है। | ||
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आसवन विधि को तीन भागों में बांटा गया है- | आसवन विधि को तीन भागों में बांटा गया है- |
Revision as of 10:20, 2 November 2011
(अंग्रेज़ी:Distillation) द्रव को गर्म करके वाष्प बनाना और फिर उस वाष्प को ठंडा करके द्रव के रूप में लाने की विधि को आसवन कहा जाता है। आसवन विधि द्वारा मुख्यतः द्रवों के मिश्रण को पृथक् किया जाता है। रसायन विज्ञान में जब दो द्रवों के क्वथनांकों में अन्तर अधिक होता है, तो उसके मिश्रण को आसवन विधि से पृथक करते हैं। आवसन विधि में द्रव को वाष्प में परिणत कर किसी दूसरे स्थान में भेजा जाता है, जहाँ उसे ठंडा कर पुनः द्रव अवस्था में परिवर्तित कर लिया जाता है। आसवन का प्रथम भाग वाष्पीकरण एवं दूसरा भाग संघनन कहलाता है।
प्रकार
आसवन विधि को तीन भागों में बांटा गया है-
- प्रभाजित आसवन
- निर्वात आसवन
- प्रभंजक आसवन
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