अंधों का हाथी: Difference between revisions
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Revision as of 12:05, 13 December 2011
- REDIRECTसाँचा:Headnote
- अंधों का हाथी
यह एक लोकोक्ति एक प्रचलित कहावत है।
- अर्थ
इस कहावत का अर्थ है - किसी विषय का पूर्ण ज्ञान का ना होना।
- कहानी
इस कहावत से सम्बंधित कहानी इस प्रकार है -
- एक बार कुछ अंधों को एक हाथी मिल गया।
- उन्होंने हाथी को छूकर, टटोल-टटोल कर महसूस किया और हाथी के बारे में अपनी अनुभूति बताई।
- 'हाथी की टांगों को पकड़ने वाले ने हाथी को किसी खम्भे या पेड़ के तने की भांति बताया, पूंछ पकड़ने वाले ने उसे रस्सी जैसा बताया, सूँड़ पकड़ने वाले ने उसे सांप जैसा बताया, कान पकड़ने वाले ने हाथी को सूप जैसा बताया, दांत पकडने वाले ने भाले जैसा तो हाथी के पेट को छूने वाले ने हाथी को मशक या दीवार जैसा बताया।'
- स्पष्ट है कि हाथी के बारे में सही जानकारी किसी को भी न हो सकी।
- शिक्षा
थोड़ा सा ज्ञान प्राप्त करके स्वयं को सम्पूर्ण ज्ञानी समझना मूर्खता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ