त्रिपुरा सुंदरी मंदिर: Difference between revisions
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*त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का निर्माण महाराजा धन्य माणिक्य के शासनकाल में 1501 ई. के दौरान करवाया गया था। | *त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का निर्माण महाराजा धन्य माणिक्य के शासनकाल में 1501 ई. के दौरान करवाया गया था। | ||
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Latest revision as of 14:34, 26 December 2011
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर त्रिपुरा की राजधानी अगरतला-सबरूम मार्ग पर उदयपुर से 3 किमी की दूरी पर स्थित है।
- त्रिपुरा सुंदरी मंदिर का निर्माण महाराजा धन्य माणिक्य के शासनकाल में 1501 ई. के दौरान करवाया गया था।
- त्रिपुरा सुंदरी मंदिर भारत के 51 महापीठों में से एक है।
- पौराणिक कथा के अनुसार इस स्थान पर माता सती के सीधे पैर के अंगुलियों के निशान आज भी मौजूद है।
- त्रिपुरा सुंदरी मंदिर राज्य के प्रमुख पयर्टन स्थलों में से एक है।
- हजारों की संख्या में भक्त प्रतिदिन मंदिर में माता के दर्शनों के लिए आते हैं।
- दिवाली के दौरान माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में भव्य स्तर पर दीवाली मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या लोग इस मेले में सम्मिलित होते हैं।
- राजमाला के अनुसार, मंदिर का निर्माण करने के पश्चात् मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित की गई थी। लेकिन एक रात महाराजा धन्य माणिक्य के सपने में महा माया आई और उससे कहा कि वह उनकी मूर्ति को चित्तौंग से इस स्थान पर रख दें। इसके बाद माता त्रिपुरा सुंदरी की स्थापना इस मंदिर में कर दी गई।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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