राष्ट्रीय कबीर सम्मान: Difference between revisions
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Revision as of 06:33, 23 January 2012
मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग ने साहित्य और सृजनात्मक कलाओं में उत्कृष्टता तथा श्रेष्ठता को सम्मानित करने, साहित्य और कलाओं में राष्ट्रीय मानदण्ड विकसित करने के लिए 'अखिल भारतीय सम्मानों' और राज्य स्तरीय सम्मानों की स्थापना की है। उत्कृष्टता और सृजन को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने के लिए मध्यप्रदेश शासन ने भारतीय कविता के लिए राष्ट्रीय कबीर सम्मान की स्थापना की है। महान संत कवि कबीर ने सदियों पहले रचनाएँ की और समाज को नयी निर्भीकता दी थ। भारत में वे आज भी सबसे लोकप्रिय कवि हैं।
पुरस्कार राशि
इस सम्मान के अंतर्गत एक लाख पचास हज़ार रुपये की राशि और सम्मान पट्टिका भेंट की जाती है।
चयन की प्रक्रिया
सृजनात्मकता, उत्कृष्टता और दीर्घ साधना के मानदण्डों को राष्ट्रीय कबीर सम्मान के लिए निश्चित किया गया है। चयन की निश्चित प्रक्रिया है। सभी स्तरों पर विशेषज्ञों की हिस्सेदारी है औरयह ध्यान रखा जाता है कि एक ओर साहित्यिक उपलब्धियों के बारे में व्यापक मतसंग्रह संदर्भ के लिए उपलब्ध रहे वहीं सम्मान दिये जाने वाले कवि का चयन निष्ठा और विवेक वाले विशेषज्ञ पूरी निष्पक्षता, वस्तुपरकता और निर्भयता के साथ ऐसे मानदण्डों के आधार पर करते हैं जो जीवन-दृष्टि, कलानुशासन और सौन्दर्य बोध पर आश्रित हों।
चयन समिति निर्णायक
चयन प्रक्रिया में संस्कृति विभाग सभी भारतीय भाषाओं के कवियों, साहित्यकारों, समीक्षकों और साहित्यिक संस्थाओं आदि से उनके रचनात्मक वैशिष्ट्य, ज्ञान और साहित्य का ज्ञान लेते हुए सम्मान के लिए उपयुक्त कवियों के नामांकन का अनुरोध करता है। यह नामांकन विशेषज्ञों की चयन समिति के सामने अंतिम निर्णय के लिए रखे जाते हैं। इस समिति में राष्ट्रीय ख्याति के साहित्यकार और विशेषज्ञ होते हैं। चयन समिति को यह स्वतंत्रता रहती है कि यदि कोई नाम छूट गया हो तो अपनी तरफ से उसे जोड़ लें। राज्य शासन ने चयन समिति की अनुशंसा को अपने लिए बंधनकारी माना है और सदैव निरपवाद रूप से इसका पालन भी किया है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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