मयूर शर्मा: Difference between revisions

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*मयूर शर्मा ने सम्भवत: चौथी शताब्दी ई. में कदम्ब वंश का आरम्भ किया।
*मयूर शर्मा ने सम्भवत: चौथी शताब्दी ई. में कदम्ब वंश का आरम्भ किया।
*उसने [[दक्षिण भारत]] में विस्तृत क्षेत्रों को जीता और अपने राज्य का विस्तार किया।
*उसने [[दक्षिण भारत]] में विस्तृत क्षेत्रों को जीता और अपने राज्य का विस्तार किया।
*अभिलेखों से पता चलता है कि 'काकुत्स्थ वर्मा'<ref>मयूर शर्मा चतुर्थ वंशज</ref> ने अपनी कन्याएँ [[गुप्त वंश|गुप्तों]] तथा अन्य नरेशों को ब्याही थीं।
*अभिलेखों से पता चलता है कि 'काकुत्स्थ वर्मा'<ref>मयूर शर्मा का चतुर्थ वंशज</ref> ने अपनी कन्याएँ [[गुप्त वंश|गुप्तों]] तथा अन्य नरेशों को ब्याही थीं।


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मयूर शर्मा मैसूर में राज्य करने वाले कदम्ब वंश का प्रवर्तक था। उसने पल्लव राज्य के विरुद्ध विद्रोह करके कर्नाटक प्रदेश में अपनी एक स्वतंत्र सत्ता स्थापित कर ली और 'वैजयंती' अथवा 'बनवासी' को अपनी राजधानी बनाया।

  • मयूर शर्मा जाति से ब्राह्मण किन्तु कर्म से क्षत्रिय था।
  • उसने कांची के पल्लव वंश के विरुद्ध विद्रोह कर दिया था।
  • मयूर शर्मा ने सम्भवत: चौथी शताब्दी ई. में कदम्ब वंश का आरम्भ किया।
  • उसने दक्षिण भारत में विस्तृत क्षेत्रों को जीता और अपने राज्य का विस्तार किया।
  • अभिलेखों से पता चलता है कि 'काकुत्स्थ वर्मा'[1] ने अपनी कन्याएँ गुप्तों तथा अन्य नरेशों को ब्याही थीं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 347 |

  1. मयूर शर्मा का चतुर्थ वंशज

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