मुंगेर: Difference between revisions

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==पर्यटन==
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मुंगेर में ऐतिहासिक क़िला है। यहाँ पर सीताकुंड नामक प्रमुख कुंड है। मुंगेर से 6 कि.मी. पूर्व में स्थित सीता कुंड मुंगेर आनेवाले पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस कुंड का नाम पुरुषोत्‍तम राम की धर्मपत्‍नी सीता के नाम पर रखा गया है। कहा जाता है कि जब राम सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाकर लाए थे तो उनको अपनी को पवित्रता साबित करने के लिए अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। धर्मशास्‍त्रों के अनुसार अग्नि परीक्षा के बाद सीता माता ने जिस कुंड में स्‍नान किया था यह वही कुंड है। इस कुंड को बिहार राज्‍य पर्यटन मंत्रालय ने एक पर्यटक स्‍थल के रूप में विकसित किया है।
मुंगेर में ऐतिहासिक क़िला है। यहाँ पर सीताकुंड नामक प्रमुख कुंड है। मुंगेर से 6 कि.मी. पूर्व में स्थित सीता कुंड मुंगेर आनेवाले पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस कुंड का नाम पुरुषोत्‍तम राम की धर्मपत्‍नी सीता के नाम पर रखा गया है। कहा जाता है कि जब राम सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाकर लाए थे तो उनको अपनी को पवित्रता साबित करने के लिए अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। धर्मशास्‍त्रों के अनुसार अग्नि परीक्षा के बाद सीता माता ने जिस कुंड में स्‍नान किया था यह वही कुंड है। इस कुंड को बिहार राज्‍य पर्यटन मंत्रालय ने एक पर्यटक स्‍थल के रूप में विकसित किया है। इस कुंड को गर्म कुंड के नाम से भी जाना जाता है जिसका तापमान कभी-कभी 138° फॉरेनहाइट तक गर्म हो जाता है।


==क्षेत्रफल==
==क्षेत्रफल==

Revision as of 08:31, 26 May 2010

स्थापना

भारत के प्राचीन अंग साम्राज्य बिहार का प्रमुख केन्द्र मुंगेर शहर एवं ज़िला है। मुंगेर ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय, बिहार राज्य, पूर्वोत्तर भारत, गंगा नदी पर स्थित है। कहा जाता है कि मुंगेर की स्थापना गुप्त शासकों ने चौथी शताब्दी में की थी। यहाँ एक क़िला है, जिसमें मुस्लिम संत शाह मुश्क नफ़ा जिनकी मृत्यु 1497 में हुई थी, की मज़ार है। 1793 में बंगाल के नबाब मीर क़ासिम ने मुंगेर को अपनी राजधानी बना कर यहाँ शस्त्रागार और कई महलों का निर्माण करवाया। 1864 में यहाँ नगरपालिका का गठन हुआ।

यातायात और परिवहन

जमालपुर तथा सिमलतला महत्वपूर्ण रेल और वाणिज्यिक केंन्द्र हैं।

कृषि और खनिज

चावल, मक्का, गेंहू, चना और तिलहन यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं।

उद्योग व व्यवसाय

प्रमुख रेल, सड़क और स्टीमर संपर्क से जुड़ा यह स्थान एक महत्वपूर्ण अनाज मड़ी है। यहाँ उद्योगों में आग्नेययास्त्र व तलवार निर्माण और आबनूस का काम शामिल है। इस शहर में भारत के विशालतम सिगरेट कारख़ानों में से एक स्थित है। यहाँ अभरक, स्लेट और चूना पत्थर का खनन होता है।

शिक्षण संस्थान

यहाँ पर प्रसिद्ध योग विश्‍वविद्यालय है।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार इस ज़िले की कुल जनसंख्या 11,35,499 है व नगर की कुल जनसंख्या 1,87,311 है।

पर्यटन

मुंगेर में ऐतिहासिक क़िला है। यहाँ पर सीताकुंड नामक प्रमुख कुंड है। मुंगेर से 6 कि.मी. पूर्व में स्थित सीता कुंड मुंगेर आनेवाले पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इस कुंड का नाम पुरुषोत्‍तम राम की धर्मपत्‍नी सीता के नाम पर रखा गया है। कहा जाता है कि जब राम सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाकर लाए थे तो उनको अपनी को पवित्रता साबित करने के लिए अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। धर्मशास्‍त्रों के अनुसार अग्नि परीक्षा के बाद सीता माता ने जिस कुंड में स्‍नान किया था यह वही कुंड है। इस कुंड को बिहार राज्‍य पर्यटन मंत्रालय ने एक पर्यटक स्‍थल के रूप में विकसित किया है। इस कुंड को गर्म कुंड के नाम से भी जाना जाता है जिसका तापमान कभी-कभी 138° फॉरेनहाइट तक गर्म हो जाता है।

क्षेत्रफल

मुंगेर ज़िले का क्षेत्रफल 7,928 वर्ग किमी है और यह गंगा नदी के दक्षिण में फैले जलोढ़ मैदान में अवस्थित है। सुदूर दक्षिण में खड़गपुर की वनाच्छादित पहाड़ियां, जो की 490 मीटर ऊंची है, और यहीं पर छोटा नागपुर का पठार है।