उपदेश -शिवदीन राम जोशी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Adding category Category:शिवदीन राम जोशी (को हटा दिया गया हैं।))
 
Line 21: Line 21:
[[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:समकालीन साहित्य]]
[[Category:समकालीन साहित्य]]
[[Category:शिवदीन राम जोशी]]
|}
|}
__NOTOC__
__NOTOC__
__NOEDITSECTION__
__NOEDITSECTION__
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 07:05, 17 March 2012

प्रेम नहीं घट में जिसके, फिर पूजन लाख विचार करे वो।
नहीं चीन परी जो दया इक मानव, तो गुण कोटिन और भरे वो।
श्री गुरु के शब्द सुने न सुने, फिर शास्त्र पुराण हृदय में धरे वो।
शिवदीन मिले कछु ज्ञान तभी, गुरु गोविन्द के शरण परे वो।


तात व मात की सेवा करें, उपकार करे वो बतावनो ना।
शिवदीन हरी गुण गान करें, कभी दिन दुखी को सतावनो ना।
सन्मार्ग सुसंगत सार गाहे, व समुद्र में कूद के न्हावनो ना।
सुख देख के फूल न फूलो अरे ! दु:ख देख घनो घबरावनो ना।


संबंधित लेख