कमरे की लॉरी -अनूप सेठी: Difference between revisions
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घिसी हुई सी ठुमरी बोलेगी | घिसी हुई सी ठुमरी बोलेगी | ||
भग आए थे पिता तुम्हारे | भग आए थे पिता तुम्हारे | ||
गोरी | गोरी फ़ौजों को छोड़ | ||
एक ढलान में घेरा पानी | एक ढलान में घेरा पानी | ||
ओडी में भरते नित दाना | ओडी में भरते नित दाना | ||
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खाली दीवारें सूनी आँखें तकती हैं | खाली दीवारें सूनी आँखें तकती हैं | ||
यह मत मानो | यह मत मानो | ||
कभी नूतनता की | कभी नूतनता की फ़ौजे थकती हैं | ||
चौड़ चपाट है खुला कपाट। | चौड़ चपाट है खुला कपाट। | ||
(1986) | (1986) |
Revision as of 13:05, 9 April 2012
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खोल किबाड़ चौड़ चपाट |
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