आत्म विश्वास (2) -शिवदीन राम जोशी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{पुनरीक्षण}}<!-- कृपया इस साँचे को हटाएँ नहीं (डिलीट न करें)। इसके नीचे से ही सम्पादन कार्य करें। -->
{{Poemopen}}
'''आपको नया पन्ना बनाने के लिए यह आधार दिया गया है'''
<poem>
 
==शीर्षक उदाहरण 1==
 
===आत्म विश्वास (2) शिवदीन राम जोशी===
 
====शीर्षक उदाहरण 3====
 
=====शीर्षक उदाहरण 4=====
तीर्थ से तिरे हैं केते व्रत से तिरे हैं,
तीर्थ से तिरे हैं केते व्रत से तिरे हैं,
                तप से तिरे हैं संत आत्मा महान से |
            तप से तिरे हैं संत आत्मा महान से।
केते तिरे हैं योग यज्ञ के प्रताप प्रभु,
केते तिरे हैं योग यज्ञ के प्रताप प्रभु,
            केते  तिरे  हैं  मानव  उर  ज्ञान  से |
            केते  तिरे  हैं  मानव  उर  ज्ञान  से।
केते तिरे हैं दया दान धर्म कर-कर के,  
केते तिरे हैं दया दान धर्म कर-कर के,  
              केते तिरे हैं सत्य राम नाम ध्यान से |
            केते तिरे हैं सत्य राम नाम ध्यान से।
एते करमों में मोसों कोई कर्म बन्यो नाय,
एते करमों में मो सों कोई कर्म बन्यो नाय,
             शिवदीन तो तरेगा साधू आपकी जबान से |
             शिवदीन तो तरेगा साधू आपकी जबान से।
    
    


<!-- कृपया इस संदेश से ऊपर की ओर ही सम्पादन कार्य करें। ऊपर आप अपनी इच्छानुसार शीर्षक और सामग्री डाल सकते हैं -->  
</poem>
 
{{Poemclose}}
<!-- यदि आप सम्पादन में नये हैं तो कृपया इस संदेश से नीचे सम्पादन कार्य न करें -->
 
 
{| width="100%"
 
|-
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
|
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{समकालीन कवि}}
[[Category:नया पन्ना 22 जून-2012]]
[[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]]
 
[[Category:समकालीन साहित्य]]
__INDEX__[[Category:Chhand]]
[[Category:शिवदीन राम जोशी]]
|}
__NOTOC__
__NOEDITSECTION__
__INDEX__

Revision as of 14:30, 24 June 2012

तीर्थ से तिरे हैं केते व्रत से तिरे हैं,
            तप से तिरे हैं संत आत्मा महान से।
केते तिरे हैं योग यज्ञ के प्रताप प्रभु,
            केते तिरे हैं मानव उर ज्ञान से।
केते तिरे हैं दया दान धर्म कर-कर के,
            केते तिरे हैं सत्य राम नाम ध्यान से।
एते करमों में मो सों कोई कर्म बन्यो नाय,
            शिवदीन तो तरेगा साधू आपकी जबान से।
   

संबंधित लेख