पोमरांग: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " साफ " to " साफ़ ") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " कायम" to " क़ायम") |
||
Line 2: | Line 2: | ||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
हाल ही में पोमरांग में की गई खुदाई से यहाँ मैगालिथिक काल के घुमक्कड़ कबीलों की ऐसी निशानियाँ मिली हैं, जो इस क्षेत्र में पहली बार ढूँढी गई हैं। पोमरांग की खुदाई से मिली क़ब्रें अंडाकार एवं उथली हैं और हर क़ब्र की दिशा पूर्व-पश्चिम की ओर होती है। | हाल ही में पोमरांग में की गई खुदाई से यहाँ मैगालिथिक काल के घुमक्कड़ कबीलों की ऐसी निशानियाँ मिली हैं, जो इस क्षेत्र में पहली बार ढूँढी गई हैं। पोमरांग की खुदाई से मिली क़ब्रें अंडाकार एवं उथली हैं और हर क़ब्र की दिशा पूर्व-पश्चिम की ओर होती है। | ||
केन्द्रीय क़ब्र में एक विशाल चपटे अंडाकार बलुआ पत्थर की चट्टान रखी गई है, जिसकी दिशा भी पूर्व-पश्चिम की तरफ है। इसमें एक विशेषता यह है कि यह निशानी लम्बे समय तक | केन्द्रीय क़ब्र में एक विशाल चपटे अंडाकार बलुआ पत्थर की चट्टान रखी गई है, जिसकी दिशा भी पूर्व-पश्चिम की तरफ है। इसमें एक विशेषता यह है कि यह निशानी लम्बे समय तक क़ायम रहे इसलिए आस-पास की ज़मीन को चट्टान रखने के बाद कूटकर ठोस बनाया गया था, जबकि बाकी ज़मीन काफ़ी भुरभुरी है। यह क़ब्र मैगालिथिक लोगों द्वारा बनाई गई मैनहीर टाइप की क़ब्र थी, जो देश के अन्य हिस्सों से भी मिली हैं। पोमरांग की सारी खुदाई 10 वर्ग मीटर के क्षेत्र में ही की गई। | ||
==मैगालिथिक चरण== | ==मैगालिथिक चरण== | ||
पोमरांग की खुदाई से मैगालिथिक सभ्यता के दो भिन्न चरणों का पता चला है। पहले चरण की क़ब्र में मिट्टी के तीन चबूतरे मिले हैं, जबकि दूसरे चरण में चार क़ब्रें मिली हैं। इन चार क़ब्रों में भी अपनी अलग-अलग विशेषताएँ थीं। पहली क़ब्र मैनहीर टाइप की क़ब्र थी, जबकि दूसरे गढ्डे में एक पत्थर सीधा पड़ा हुआ और बाकी उसके ऊपर खड़े हुए हैं। तीसरी में पत्थरों को दो तहों में जमाया हुआ था और आखिरी में गढ्डे के नीचे एक बड़ा पत्थर लगाया गया था। खुदाई से मिली इन मैगालिथिक काल की क़ब्रों से यह बात साफ़ हो गई है कि ईसा से चौथीं-पाँचवीं [[सदी]] पूर्व यहाँ पर भी ऐसे घुम्मकड़ कबीले आबाद थे, जो पत्थरों के बड़े स्मारक बनाया करते थे। इन क़ब्रों में लाशों के साथ दफन किए मिट्टी के बर्तन भी मिले हैं। | पोमरांग की खुदाई से मैगालिथिक सभ्यता के दो भिन्न चरणों का पता चला है। पहले चरण की क़ब्र में मिट्टी के तीन चबूतरे मिले हैं, जबकि दूसरे चरण में चार क़ब्रें मिली हैं। इन चार क़ब्रों में भी अपनी अलग-अलग विशेषताएँ थीं। पहली क़ब्र मैनहीर टाइप की क़ब्र थी, जबकि दूसरे गढ्डे में एक पत्थर सीधा पड़ा हुआ और बाकी उसके ऊपर खड़े हुए हैं। तीसरी में पत्थरों को दो तहों में जमाया हुआ था और आखिरी में गढ्डे के नीचे एक बड़ा पत्थर लगाया गया था। खुदाई से मिली इन मैगालिथिक काल की क़ब्रों से यह बात साफ़ हो गई है कि ईसा से चौथीं-पाँचवीं [[सदी]] पूर्व यहाँ पर भी ऐसे घुम्मकड़ कबीले आबाद थे, जो पत्थरों के बड़े स्मारक बनाया करते थे। इन क़ब्रों में लाशों के साथ दफन किए मिट्टी के बर्तन भी मिले हैं। |
Latest revision as of 14:16, 29 January 2013
पोमरांग गाँव हिमाचल प्रदेश के लाहौर-स्पीति ज़िले में स्थित है।
इतिहास
हाल ही में पोमरांग में की गई खुदाई से यहाँ मैगालिथिक काल के घुमक्कड़ कबीलों की ऐसी निशानियाँ मिली हैं, जो इस क्षेत्र में पहली बार ढूँढी गई हैं। पोमरांग की खुदाई से मिली क़ब्रें अंडाकार एवं उथली हैं और हर क़ब्र की दिशा पूर्व-पश्चिम की ओर होती है। केन्द्रीय क़ब्र में एक विशाल चपटे अंडाकार बलुआ पत्थर की चट्टान रखी गई है, जिसकी दिशा भी पूर्व-पश्चिम की तरफ है। इसमें एक विशेषता यह है कि यह निशानी लम्बे समय तक क़ायम रहे इसलिए आस-पास की ज़मीन को चट्टान रखने के बाद कूटकर ठोस बनाया गया था, जबकि बाकी ज़मीन काफ़ी भुरभुरी है। यह क़ब्र मैगालिथिक लोगों द्वारा बनाई गई मैनहीर टाइप की क़ब्र थी, जो देश के अन्य हिस्सों से भी मिली हैं। पोमरांग की सारी खुदाई 10 वर्ग मीटर के क्षेत्र में ही की गई।
मैगालिथिक चरण
पोमरांग की खुदाई से मैगालिथिक सभ्यता के दो भिन्न चरणों का पता चला है। पहले चरण की क़ब्र में मिट्टी के तीन चबूतरे मिले हैं, जबकि दूसरे चरण में चार क़ब्रें मिली हैं। इन चार क़ब्रों में भी अपनी अलग-अलग विशेषताएँ थीं। पहली क़ब्र मैनहीर टाइप की क़ब्र थी, जबकि दूसरे गढ्डे में एक पत्थर सीधा पड़ा हुआ और बाकी उसके ऊपर खड़े हुए हैं। तीसरी में पत्थरों को दो तहों में जमाया हुआ था और आखिरी में गढ्डे के नीचे एक बड़ा पत्थर लगाया गया था। खुदाई से मिली इन मैगालिथिक काल की क़ब्रों से यह बात साफ़ हो गई है कि ईसा से चौथीं-पाँचवीं सदी पूर्व यहाँ पर भी ऐसे घुम्मकड़ कबीले आबाद थे, जो पत्थरों के बड़े स्मारक बनाया करते थे। इन क़ब्रों में लाशों के साथ दफन किए मिट्टी के बर्तन भी मिले हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख