छावा (उपन्यास): Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) ('{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=मृत्युंजय |लेख का नाम=मृ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
{{सूचना बक्सा पुस्तक | {{सूचना बक्सा पुस्तक | ||
|चित्र=Chhava.jpg | |चित्र=Chhava.jpg |
Revision as of 13:59, 24 March 2013
छावा (उपन्यास)
| |
लेखक | शिवाजी सावंत |
मूल शीर्षक | छावा |
प्रकाशक | भारतीय ज्ञानपीठ |
प्रकाशन तिथि | 1 जनवरी 2004 |
ISBN | 81-263-798-6 |
देश | भारत |
भाषा | मराठी |
विधा | उपन्यास |
मुखपृष्ठ रचना | सजिल्द |
छावा एक वृहद ऐतिहासिक उपन्यास है जिसके रचयिता शिवाजी सावंत हैं।
कथानक
इसमें छत्रपति शिवाजी के पुत्र महाराज शम्भाजी के जीवन-संघर्ष का अद्भुत एवं रोमांचकारी चित्रण है। सावंत जी की बारह वर्ष की कठिन तपःसाधना और चिन्तन से ही इस कृति को एक भव्य स्वरूप प्राप्त हो सका है। जिस लगन के साथ लेखक ने इस उपन्यास के लिए पठन-पाठन और पर्यटन द्वारा सामग्री संकलित की है वह इसे एक ऐसी प्रमाणिकती प्रदान करती है कि यह उपन्यास दुर्लभ शोध-सामग्री की विषय-वस्तु भी बन गया है। महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत, मराठा साम्राज्य के स्वर्णिम इतिहास को रूपाकृति देने वाला यह उपन्यास हिन्दी पाठक-जगत् में भी बहुत समादृत हुआ है। यह ‘राजगाथा’ श्रद्धासहित समर्पित है इन्द्रायणी और भीमा सरिताओं को, जिन्होंने अपनी अगणित जल-लहरियों को नेत्र बनाकर, समय को साक्षी रखकर, तुलापुर ग्राम में देखा था कि यदि अवसर आ ही पड़े तो एक मराठा शूर राजा साक्षात् मृत्यु का भी किस प्रकार स्वागत करता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख