इसमाइल आदिलशाह: Difference between revisions

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इसमाइल आदिलशाह [[बीजापुर]] के आदिलशाही वंश का दूसरा सुल्तान था। उसने 1510 ई0 से 1534 ई0 तक शासन किया। जब वह गद्दी पर बैठा तो नाबालिग था, बालिग होने पर उसने कई लड़ाइयाँ जीतीं और [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] से [[कृष्णा नदी|कृष्णा]] और [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्रा]] के बीच [[रायचूर]] का दोआब छीन लिया। फ़ारस के शाह ने उसके दरबार में अपना दूत भेजा था। इससे वह इतना खुश हुआ कि उसका झुकाव शिया मत की ओर हो गया। फ़ारस का शाह भी शिया था।  
इसमाइल आदिलशाह [[बीजापुर]] के आदिलशाही वंश का दूसरा सुल्तान था। उसने 1510 ई॰ से 1534 ई॰ तक शासन किया। जब वह गद्दी पर बैठा तो नाबालिग था, बालिग होने पर उसने कई लड़ाइयाँ जीतीं और [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] से [[कृष्णा नदी|कृष्णा]] और [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्रा]] के बीच [[रायचूर]] का दोआब छीन लिया। फ़ारस के शाह ने उसके दरबार में अपना दूत भेजा था। इससे वह इतना खुश हुआ कि उसका झुकाव शिया मत की ओर हो गया। फ़ारस का शाह भी शिया था।  
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Revision as of 13:12, 11 June 2010

इसमाइल आदिलशाह बीजापुर के आदिलशाही वंश का दूसरा सुल्तान था। उसने 1510 ई॰ से 1534 ई॰ तक शासन किया। जब वह गद्दी पर बैठा तो नाबालिग था, बालिग होने पर उसने कई लड़ाइयाँ जीतीं और विजयनगर से कृष्णा और तुंगभद्रा के बीच रायचूर का दोआब छीन लिया। फ़ारस के शाह ने उसके दरबार में अपना दूत भेजा था। इससे वह इतना खुश हुआ कि उसका झुकाव शिया मत की ओर हो गया। फ़ारस का शाह भी शिया था।