पँख -अनूप सेठी: Difference between revisions
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बाज़ार घर में घुस आया | बाज़ार घर में घुस आया | ||
गाँव से आए अचार के चटखारे लेता | गाँव से आए अचार के चटखारे लेता | ||
जैसे होता है कस्बों में | जैसे होता है कस्बों में सोफ़ा सेटों वाला घर | ||
फिर से जब लग गए एक बार पंख | फिर से जब लग गए एक बार पंख |
Revision as of 10:20, 17 May 2013
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एक घर था उसको लग गए पँख |
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