इला: Difference between revisions
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Revision as of 13:23, 16 June 2010
- वैवस्वत मनु के दस पुत्र हुए।
- उनके एक पुत्री भी थी इला, जो बाद में पुरुष बन गई।
- वैवस्वत मनु ने पुत्र की कामना से मित्रावरुण यज्ञ किया। उनको पुत्री की प्राप्ति हुई जिसका नाम इला रखा गया। उन्होंने इला को अपने साथ चलने के लिए कहा किन्तु 'इला' ने कहा कि क्योंकि उसका जन्म मित्रावरुण के अंश से हुआ था, अतः उन दोंनो की आज्ञा लेनी आवश्यक थी। इला की इस क्रिया से प्रसन्न होकर मित्रावरुण ने उसे अपने कुल की कन्या तथा मनु का पुत्र होने का वरदान दिया।
- कन्या भाव में उसने [चंद्र देवता|चन्द्रमा]] के पुत्र बुध से विवाह करके पुरूरवा नामक पुत्र को जन्म दिया।
- तदुपरान्त वह सुद्युम्न बन गयी और उसने अत्यन्त धर्मात्मा तीन पुत्रों से मनु के वंश की वृध्दि की जिनके नाम इस प्रकार हैं- उत्कल, गय तथा विनताश्व।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ब्रह्म पुराण, 7/1-17