पहेली 30 सितम्बर 2013: Difference between revisions

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-[[ब्रह्मा]]
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||[[चित्र:Statue-Shiva-Bangalore.jpg|right|100px|भगवान शिव]][[हिन्दू धर्म]] और [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार भगवान [[शिव]] ही समस्त सृष्टि के आदि कारण हैं। उन्हीं से [[ब्रह्मा]], [[विष्णु]] सहित समस्त सृष्टि का उद्भव होता हैं। [[महाभारत]], [[आदिपर्व महाभारत|आदिपर्व]] के अनुसार [[पांचाल]] नरेश [[द्रुपद]] की पुत्री [[द्रौपदी]] पूर्वजन्म में एक [[ऋषि]] कन्या थी। उसने श्रेष्ठ पति पाने की कामना से भगवान [[शिव]] की तपस्या की थी। शंकर ने प्रसन्न होकर उसे वर देने की इच्छा की। उसने शंकर से पाँच बार कहा कि वह सर्वगुणसंपन्न पति चाहती है। शंकरजी ने कहा कि अगले जन्म में उसके पाँच भारतवंशी पति होंगे, क्योंकि उसने पति पाने की कामना पाँच बार दोहरायी थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शिव]]
||[[चित्र:Statue-Shiva-Bangalore.jpg|right|100px|भगवान शिव]][[हिन्दू धर्म]] और [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार भगवान [[शिव]] ही समस्त सृष्टि के आदि कारण हैं। उन्हीं से [[ब्रह्मा]], [[विष्णु]] सहित समस्त सृष्टि का उद्भव होता हैं। [[महाभारत]], [[आदिपर्व महाभारत|आदिपर्व]] के अनुसार [[पांचाल]] नरेश [[द्रुपद]] की पुत्री [[द्रौपदी]] पूर्वजन्म में एक [[ऋषि]] कन्या थी। उसने श्रेष्ठ पति पाने की कामना से भगवान शिव की तपस्या की थी। शंकर ने प्रसन्न होकर उसे वर देने की इच्छा की। उसने शिव से पाँच बार कहा कि वह सर्वगुणसंपन्न पति चाहती है। शिवजी ने कहा कि अगले जन्म में उसके पाँच भरतवंशी पति होंगे, क्योंकि उसने पति पाने की कामना पाँच बार दोहरायी थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शिव]]
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{{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली 29 सितम्बर 2013]] |अगली=[[पहेली 1 अक्तूबर 2013]]}}
{{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली 29 सितम्बर 2013]] |अगली=[[पहेली 1 अक्तूबर 2013]]}}

Revision as of 08:16, 2 October 2013