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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {[[छत्तीसगढ़]] राज्य के प्रथम [[मुख्यमंत्री]] ने किस तिथि को शपथ ग्रहण की थी?
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| -[[31 अगस्त]], [[2000]]
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| -[[30 सितंबर]], [[2000]]
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| +[[31 अक्टूबर]], [[2000]]
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| -[[30 नवंबर]], [[2000]]
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| {[[छत्तीसगढ़]] में प्रथम दैनिक समाचार पत्र 'महाकौशल' कहाँ से प्रकाशित हुआ?
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| |type="()"}
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| +[[रायपुर]]
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| -[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]]
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| -[[बस्तर ज़िला|बस्तर]]
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| -[[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]]
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| ||[[चित्र:Raipur-District-Map.jpg|right|90px|रायपुर का मानचित्र]]'रायपुर' व्यापार और वाणिज्य का सक्रिय केंद्र है। यहाँ [[चावल]], दलहन और तिलहन की मिलें काफ़ी संख्या में हैं। अन्य उद्योगों में हथकरघे पर सूती वस्त्रों की बुनाई, फ़र्नीचर निर्माण, हार्डवेयर, ट्रांजिस्टर के कलपुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान, बीड़ी निर्माण, प्लास्टिक की थैलियाँ लकड़ी की चिराई व तख्ते, छापाख़ाने व [[एल्युमिनियम]] और पीतल व कांसे की वस्तुओं का निर्माण शामिल हैं। रायपुर खाद्य-प्रसंस्करण, [[चावल]], [[गेहूँ]], [[कपास]] और तिलहन की आरा मिलों का केंद्र है। यह भी उल्लेखनीय है कि [[छत्तीसगढ़]] राज्य का पहला दैनिक समाचार पत्र 'महाकौशल' रायपुर से ही प्रकाशित हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रायपुर]]
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| {[[रायपुर ज़िला|रायपुर ज़िले]] के किस विधायक ने तीन अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ा और विजय भी प्राप्त की?
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| -सत्यनारायण शर्मा
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| -स्वरूपचन्द जैन
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| -शारदाचरण तिवारी
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| +तरुण चटर्जी
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| {[[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर ज़िले]] के प्रथम बैरिस्टर कौन माने जाते हैं?
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| -माधवराव सप्रे
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| +छेदीलाल
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| -पंडित बामनराव लाखे
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| -ठाकुर प्यारेलाल सिंह
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| {'[[भोरमदेव मंदिर]]' किस राजवंश के राजा द्वारा बनवाया गया था?
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| |type="()"}
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| +[[नागवंश]]
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| -[[पाण्ड्य राजवंश]]
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| -[[कलचुरी वंश]]
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| -[[कदम्ब वंश]]
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| ||[[चित्र:Bhoramdev-Temple.jpg|right|120px|भोरमदेव मंदिर, छत्तीसगढ़]]'भोरमदेव मंदिर' एक बहुत ही पुराना [[हिन्दू]] मंदिर है, जो भगवान [[शिव]] को समर्पित है। यह [[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[कवर्धा ज़िला|कवर्धा ज़िले]] में स्थित है। [[भोरमदेव मंदिर]] कृत्रिमतापूर्वक [[पर्वत]] शृंखला के बीच स्थित है। यह लगभग 7 से 11वीं शताब्दी तक की अवधि में बनाया गया था। भोरमदेव मंदिर नाग राजवंश के राजा 'रामचन्द्र' द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर में [[खजुराहो]] मंदिर की झलक दिखाई देती है, इसलिए इसे 'छत्तीसगढ़ का खजुराहो' भी कहा जाता है। मंदिर पर [[नृत्य]] की आकर्षक भाव भंगिमाओं के साथ-साथ [[हाथी]], घोड़े, भगवान [[गणेश]] एवं [[नटराज]] की मूर्तियाँ [[चंदेल वंश|चंदेल]] शैली में उकेरी गयी हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भोरमदेव मंदिर]]
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| {'बिलासपुर उच्च न्यायालय' का देश में कौन-सा स्थान है? | | {'बिलासपुर उच्च न्यायालय' का देश में कौन-सा स्थान है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |