इंद्रधनुष: Difference between revisions

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द्वितीयक इन्द्रधनुष प्राथमिक इन्द्रधनुष की अपेक्षा कुछ धुँधला दिखलाई पड़ता है।
द्वितीयक इन्द्रधनुष प्राथमिक इन्द्रधनुष की अपेक्षा कुछ धुँधला दिखलाई पड़ता है।
==इन्द्रधनुष के रंग==
<poem>दूल्हा बन आया है बदरा,
दुल्हन धरती हुई सु-रंग,
स्वागत में छितरे हैं,
पथ में इन्द्रधनुष के
आठों* रंग....
</poem>
इन्द्रधनुष में साथ रंग होते हैं..मगर एक आठवां भी होता है....जो सब रंगों का सम्मिलन भी है...सब रंगों से ऊपर भी है शून्य कहिये, श्वेत या कुछ और किन्तु वह है, इन्द्रधनुष है....रंगों का अस्तित्व है, और रंगों की संभावनाएं है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता...इसलिए आठवां रंग कलमकार की कल्पना समझ लीजिये... <ref>{{cite web |url=http://mehaq-jindagi-ki.blogspot.com/2010/04/blog-post_30.html |title=इन्द्रधनुष के रंग |accessmonthday= 28|accessyear= जुलाई|authorlink= |format= |publisher=महक जिंदगी की |language=एच टी एम एल }}</ref>


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Revision as of 13:00, 28 July 2010

इंद्रधनुष
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परावर्तन, पूर्ण आन्तरिक परावर्तन तथा अपवर्तन द्वारा वर्ण विक्षेपण का सबसे अच्छा उदाहरण इन्द्रधनुष है। बरसात के मौसम में जब पानी की बूँदे सूर्य पर पड़ती है तब सूर्य की किरणों का विक्षेपण ही इंद्रधनुष के सुंदर रंगों का कारण बनता है। आकाश में संध्या के समय पूर्व दिशा में तथा प्रात:काल पश्चिम दिशा में, वर्षा के पश्चात् लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला, तथा बैंगनी रंगों का एक विशालकाय वृत्ताकार वक्र कभी-कभी दिखाई देता है। यह इंद्रधनुष कहलाता है।

प्रकार

इन्द्रधनुष दो प्रकार के होते है जो इस प्रकार हैं:-

  • प्राथमिक इन्द्रधनुष
  • द्वितीयक इन्द्रधनुष

प्राथमिक इन्द्रधनुष

जब वर्षा की बूँदों पर आपतित होने वाली सूर्य की किरणों का दो बार अपवर्तन व एक बार परावर्तन होता है, तो प्राथमिक इन्द्रधनुष का निर्माण होता है। प्राथमिक इन्द्रधनुष में लाल रंग बाहर की ओर और बैंगनी रंग अन्दर की ओर होता है। इसमें अन्दर वाली बैंगनी किरण आँख पर 40°8' तथा बाहर वाली लाल किरण आँख पर 42°8' का कोण बनाती है।

द्वितीयक इन्द्रधनुष

जब वर्षा की बूँदों पर आपतित होने वाली सूर्य की किरणों का दो बार अपवर्तन व दो बार परावर्तन होता है, तो द्वितीयक इन्द्रधनुष का निर्माण होता है। इसमें बाहर की ओर बैंगनी रंग एवं अन्दर की ओर लाल रंग होता है। बाहर वाली किरण आँख पर 54°52' का कोण तथा अन्दर वाली किरण 50°8' का कोण बनाती है।

द्वितीयक इन्द्रधनुष प्राथमिक इन्द्रधनुष की अपेक्षा कुछ धुँधला दिखलाई पड़ता है।


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